क्या वादों की सच्चाई परखेगी जनता? तेजस्वी के वादे पर झाबर सिंह खर्रा का तंज

सारांश
Key Takeaways
- जनता को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए।
- राजनेताओं की विश्वसनीयता पर ध्यान देना आवश्यक है।
- झूठे वादों से दूर रहना चाहिए।
- आधुनिक वोटर को जागरूक होना चाहिए।
- सिर्फ चुनावी वादों पर भरोसा न करें।
जोधपुर, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान सरकार के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर तेजस्वी यादव के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी यादव ने हाल ही में कहा था कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो हर घर में एक सरकारी नौकरी दी जाएगी। इस पर झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि देश में हर व्यक्ति को बोलने की आजादी है, लेकिन जनता को यह समझना आवश्यक है कि कौन नेता अपनी बातों को निभाने की वास्तविक क्षमता रखता है।
मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने शनिवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में कहा कि कौन क्या कहता है, यह उसका अधिकार है। किसी पर बोलने की पाबंदी नहीं है। लेकिन, मुद्दा यह है कि आप अपनी जुबान को कितना निभा पाते हैं। जनता को भी सोचना चाहिए कि जो व्यक्ति बड़े-बड़े वादे कर रहा है, क्या वास्तव में वह उन्हें पूरा करने की क्षमता रखता है? यदि जनता इस तरह विचार करना शुरू कर देगी तो कोई भी झूठे वादों और प्रलोभनों में नहीं आएगा।
उन्होंने आगे कहा कि राजनीति में जनता की जागरूकता ही सबसे बड़ी ताकत है। अब समय आ गया है कि वोटर सिर्फ वादों पर नहीं बल्कि नेताओं के काम और विश्वसनीयता पर भरोसा करें।
इसके अलावा, मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने राजस्थान के अंता में होने वाले उपचुनाव पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी 2025 के उपचुनाव में पूरी शक्ति के साथ मैदान में उतरेगी। 2023 में अंता में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी और अब 2025 में जब उपचुनाव हो रहे हैं, तब भी भाजपा पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी। हम इस संकल्प के साथ मैदान में उतरेंगे कि अंता में फिर से भारतीय जनता पार्टी विजय प्राप्त करे।
मंत्री ने आगे कहा कि चुनावों में झूठे वादे और लोकलुभावन घोषणाएं अब जनता को भ्रमित नहीं कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि अब जनता समझदार है। वह जानती है कि सिर्फ चुनावी मंचों पर किए गए वादों से उसका भला नहीं होगा, बल्कि काम और नीयत से फर्क पड़ता है।