क्या चुनाव के कारण जानबूझकर विपक्ष भाषा विवाद को मुद्दा बना रहा है? : योगेश कदम

सारांश
Key Takeaways
- योगेश कदम ने विपक्ष पर आरोप लगाया है कि वे जानबूझकर विवाद बढ़ा रहे हैं।
- सरकार ने मराठी भाषा को अनिवार्य बनाया है, जबकि हिंदी को नहीं।
- विपक्ष को मराठी वोटरों की आवश्यकता है।
- बॉलीवुड अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की मौत की जांच चल रही है।
- जनता ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में समर्थन दिया है।
मुंबई, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री एवं शिवसेना के वरिष्ठ नेता योगेश कदम ने शनिवार को राज्य में मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष आगामी चुनाव में हार से बचने के लिए इस विवाद को बढ़ा रहा है।
योगेश कदम ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा, "हमारी सरकार ने मराठी भाषा को अनिवार्य किया है, जबकि हिंदी भाषा को कहीं से भी अनिवार्य नहीं किया गया है। हमने हिंदी भाषा के मामले में सख्ती नहीं की है, लेकिन अगर कोई इस विवाद को उठा रहा है, तो वह केवल राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर रहा है। विपक्ष ने महाराष्ट्र खो दिया है, लेकिन मुंबई को खोना नहीं चाहते, इसलिए उन्हें मराठी वोटरों की आवश्यकता है। यही कारण है कि वे इस मुद्दे को उठा रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारे नेता एकनाथ शिंदे ने जो भी कदम उठाए हैं, वे मराठी मानुष की भलाई के लिए हैं। जनता जानती है कि वह शिंदे साहब के साथ खड़ी रहेगी। शिवसेना (यूबीटी) पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हमारी शिवसेना ने 80 सीटों पर चुनाव लड़ा और उनमें से 61 विधायक चुने गए। जनता ने विपक्ष को जवाब दे दिया है। आगामी मुंबई कॉरपोरेशन चुनाव में विपक्ष को हार का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए वे भाषा को चुनावी मुद्दा बना रहे हैं।"
बॉलीवुड अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की मौत की जांच पर योगेश कदम ने कहा, "पुलिस ने सभी जानकारी इकट्ठा की है। मामले की जांच चल रही है और यदि कोई संदिग्ध जानकारी मिलती है, तो उस एंगल से भी जांच की जाएगी। जांच पूरी होने से पहले हम कुछ नहीं कह सकते।"