क्या विपक्ष का विरोध गलत सूचना पर आधारित है? : धर्मेंद्र प्रधान

सारांश
Key Takeaways
- धर्मेंद्र प्रधान ने संसद में भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया।
- विपक्ष ने सीएसडीएस द्वारा साझा किए गए गलत आंकड़ों का मुद्दा बनाया।
- कांग्रेस पार्टी के लोग भ्रामक डेटा के आधार पर विरोध कर रहे हैं।
- आईसीएसएसआर ने सीएसडीएस के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
- विपक्ष लगातार मतदाता सूची के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है।
नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को राज्यसभा में भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। इस दौरान, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में कहा कि हम रोज़ मुद्दा उठाते हैं।
उन्होंने कहा कि यह विषय देश के हित में अत्यंत महत्वपूर्ण है। खड़गे ने मतदाता सूची से संबंधित मुद्दे पर चर्चा करना चाहा, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। आसन पर मौजूद भुबनेश्वर कालिता ने खड़गे से कहा कि वे केवल संबंधित विधेयक पर चर्चा करें। इसके बाद, विपक्षी सांसदों ने कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए सदन से बाहर जाने का निर्णय लिया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि विपक्ष गलत सूचना के आधार पर विरोध कर रहा है। उन्होंने कहा कि गरीबों के टैक्स के पैसे से संसद चलती है और यह जानना जरूरी है कि विपक्ष किस विषय को छुपाना चाहता है। उन्होंने सीएसडीएस नामक स्वयंसेवी संस्था द्वारा साझा किए गए एक गलत आंकड़े का उल्लेख किया, जिसे विपक्ष ने मुद्दा बनाया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लोग इस भ्रामक डेटा के आधार पर विरोध कर रहे हैं। आंकड़े जारी करने वाले संस्थान सीएसडीएस ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा है कि आंकड़े गलत थे और उन्हें वापस ले लिया गया है। इसके बावजूद, विपक्ष उन आंकड़ों को मुद्दा बनाकर हंगामा कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आईसीएसएसआर द्वारा सीएसडीएस को अनुसंधान के लिए अनुदान दिया गया है और भारत सरकार से पैसा लेकर संविधानिक व्यवस्था को चुनौती देना उचित नहीं है। यही कारण है कि आईसीएसएसआर ने सीएसडीएस के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
विपक्ष के सांसद संसद के भीतर और बाहर लगातार मतदाता सूची के मुद्दे को उठा रहे हैं। उन्होंने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के लिए किए जा रहे गहन रिव्यू को एक मुद्दा बनाया है। हाल ही में, सीएसडीएस से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से संबंधित कुछ आंकड़े साझा किए थे, लेकिन अब ये आंकड़े वापस ले लिए गए हैं। संस्थान ने स्वयं माना है कि जारी किए गए आंकड़े भ्रामक और गलत थे।