क्या विपक्ष के एकजुट होने से सरकार एसआईआर मुद्दे पर दबाव में आ गई है?: कांग्रेस सांसद जेबी माथेर
सारांश
Key Takeaways
- विपक्ष की एकता ने सरकार को चुनाव सुधारों पर चर्चा के लिए मजबूर किया।
- एसआईआर को तानाशाही कदम माना जा रहा है।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान की आलोचना की गई है।
- कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने आरएसएस पर टिप्पणी की है।
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार को अपने तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। इस दौरान, मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद जेबी माथेर का कहना है कि विपक्ष के एकजुट होने के कारण सरकार दबाव में आ गई है और चुनाव सुधारों पर चर्चा के लिए सहमत हुई है।
कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा, "विपक्षी दलों का एक साथ आना और सामूहिक निर्णय लेना सरकार के लिए चुनौती बन गया है। अब, हम अपनी बातें रखेंगे, और वे अपनी। लेकिन, हम इस पर अडिग हैं कि एसआईआर एक सोचा-समझा और तानाशाही कदम है, जिसके जरिए जो वोटर सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में हैं, उन्हें सिस्टमेटिक तरीके से सुरक्षित किया जाता है, जबकि जिन्हें वे नहीं चाहते उन्हें हटा दिया जाता है।"
इसके बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जवाहरलाल नेहरू पर दिए गए हालिया बयान की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि राजनाथ सिंह और अन्य केंद्रीय मंत्रियों का एक टाइम टेबल है जिसके अनुसार वे नेहरू के खिलाफ बयान देते हैं।"
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी इस पर टिप्पणी की, "मुझे नहीं पता कि वह एक केंद्रीय मंत्री के तौर पर ऐसा क्यों कह रहे हैं। पुराने दस्तावेज बताते हैं कि सरदार पटेल ने नफरत फैलाने के लिए आरएसएस पर बैन लगाया था।"
ज्ञात हो कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान में दावा किया था कि 'नेहरू बाबरी मस्जिद के लिए पब्लिक फंड का इस्तेमाल करना चाहते थे।'