क्या विपक्ष को फर्जी वोटरों की पहरेदारी बंद करनी चाहिए? केजरीवाल के लिए जनता का अवॉर्ड काफी: अनिल विज

सारांश
Key Takeaways
- अनिल विज ने विपक्ष की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
- फर्जी वोटरों की पहरेदारी पर चिंता जताई गई है।
- आपातकालीन सेवाओं को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
- हरियाणा के लिए पानी का मुद्दा महत्वपूर्ण है।
- राजनीतिक गठबंधनों की वास्तविकता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
अंबाला, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज ने अंबाला में संवाददाताओं से बात करते हुए देश की वर्तमान राजनीति, विपक्षी दलों के आरोपों और पंजाब-हरियाणा के जल विवाद पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कई मुद्दों पर विपक्ष को ख़राब तरीके से लिया और तंज भरे लहजे में प्रहार किया।
बिहार में राहुल गांधी की वैन पर पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को चढ़ने नहीं दिए जाने पर विज ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मामला हो सकता है, लेकिन इससे यह स्पष्ट होता है कि इंडिया गठबंधन पप्पू यादव को इस काबिल नहीं समझता कि वह उनके साथ बैठ सकें। पहले वह उनके साथी थे और अब दरकिनार कर दिए गए हैं। यही इस गठबंधन का असली चेहरा है।
बिहार में बंद के दौरान एंबुलेंस को रास्ता न देने और मरीज के परिजनों के साथ बदसलूकी पर विज ने गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं बेहद शर्मनाक हैं। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक नीति बननी चाहिए कि कोई भी जुलूस या धरना-प्रदर्शन होने पर आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता दी जाए और एंबुलेंस जैसी गाड़ियों के लिए रास्ता खुला रखा जाए।
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान पर कटाक्ष करते हुए अनिल विज ने कहा कि लोकतंत्र में सबसे बड़ा अवॉर्ड जनता देती है। दिल्ली की जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर किया, वही अवॉर्ड उनके लिए काफी होना चाहिए।
बिहार में महाराष्ट्र जैसी धांधली नहीं होने देंगे, राहुल गांधी के इस बयान पर अनिल विज ने कहा कि कुछ फर्जी पार्टियां और फर्जी नेता फर्जी वोटरों की पहरेदारी कर रहे हैं। बिहार में वोटों का सत्यापन हो रहा है, आप इसे क्यों रोकना चाहते हैं? चुनाव के बाद रोने की बजाय फर्जी वोटर हटाने का समर्थन करना चाहिए। यदि सरकार पारदर्शिता लाना चाहती है, तो विपक्ष को इससे पीड़ा क्यों हो रही है?
सतलुज-यमुना लिंक नहर को लेकर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के बीच हुई बैठक पर भी विज ने तीखी टिप्पणी की। जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बैठक को सकारात्मक बताया, वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि एसवाईएल मुद्दे को त्याग देना चाहिए। इस पर विज ने कहा कि पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ठुकरा रही है, जो हरियाणा के हक में है। पिछले सरकारों ने तो समझौते तक को रद्द कर दिया। अब आम आदमी पार्टी की सरकार भी वही कर रही है। ये लोग चाहते हैं कि एसवाईएल का पानी हरियाणा को न मिले, लेकिन रावी का पानी पाकिस्तान को चला जाए। यह पाकिस्तान प्रेम हरियाणा को प्यासा बना रहा है। यह हरियाणा के किसानों के साथ अन्याय है।