क्या 'विश्व जनसंख्या दिवस' जनसंख्या से जुड़ी चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करता है? : जेपी नड्डा

सारांश
Key Takeaways
- जनसंख्या नियंत्रण महत्वपूर्ण है।
- सामाजिक न्याय और समानता की आवश्यकता।
- परिवार नियोजन सेवाओं की भूमिका।
- स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता।
- सूचित निर्णय लेने का महत्व।
नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आज देश और विश्व में ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ मनाया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मौके पर देशवासियों को जागरूक किया। उन्होंने जनसंख्या से संबंधित चुनौतियों पर भी अपने विचार साझा किए।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर लिखा, "‘विश्व जनसंख्या दिवस’ परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ाने और जनसंख्या से जुड़ी चुनौतियों से निपटने की हमारी प्रतिबद्धता को नवीनीकरण का अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष की थीम, ‘मां और बच्चे के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए गर्भावस्था का सही समय और अंतर,’ माता-पिता बनने के महत्व पर जोर देती है।"
उन्होंने आगे कहा, "केंद्र सरकार, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से, पूरे देश में आवश्यक परिवार नियोजन सेवाएं प्रदान कर रही है, जिससे परिवार सशक्त हो रहे हैं और एक स्वस्थ भारत की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।"
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "विश्व जनसंख्या दिवस पर, हम एक न्यायपूर्ण और समतामूलक समाज के अपने दृष्टिकोण का पुनः पुष्टि करते हैं। हमारे युवाओं को एक ऐसे भविष्य का हक है, जहां वे सूचित विकल्प चुन सकें।"
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लिखा, "विश्व जनसंख्या दिवस जागरूकता का एक अवसर है कि हमें जनसंख्या विस्फोट जैसी स्थिति से बचना चाहिए।"
कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, "देश में जनसंख्या वृद्धि की निरंतर बढ़ती गति एक गंभीर चुनौती बन रही है।"
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "संतुलित जनसंख्या ही समृद्ध समाज और सतत विकास की आधारशिला है।"
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "तेजी से बढ़ती जनसंख्या हमारे संसाधनों और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है।"