क्या वारकरी की यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं? : एकनाथ शिंदे

सारांश
Key Takeaways
- सरकार ने वारकरी की यात्रा के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
- नक्सलवाद की समस्या लगभग खत्म होने के कगार पर है।
- भगवान विट्ठल की भक्ति के लिए लाखों लोग यात्रा करते हैं।
- सामाजिक एकता का प्रतीक है वारकरी यात्रा।
- उपमुख्यमंत्री ने यात्रा की तैयारी का निरीक्षण किया।
पंढरपुर, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के पंढरपुर वारी में कथित नक्सलियों की घुसपैठ का मामला तेजी से बढ़ता जा रहा है। जब शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे ने इस मुद्दे को उठाया, तो उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आषाढी वारी 2025 की योजना का गंभीरता से निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि वारकरियों की यात्रा सुरक्षित हो, इसके लिए सरकार पूरी तरह से चेतन है। पुलिस ने सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की है और प्रशासन हर पहलू पर नज़र रख रहा है।
जब एकनाथ शिंदे गुरुवार को पंढरपुर पहुंचे, तो वे सबसे पहले नो व्हीकल जोन से गुजरे और भगवान विट्ठल का दर्शन किया। उन्होंने स्वयं को वीआईपी वारकरी बताते हुए 10 घंटे तक कमजोर और दुबले-पतले वारकरियों को बिना किसी रुकावट के विठ्ठल देवता का दर्शन कराया।
बाद में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले साल जब मैं मुख्यमंत्री था, तो मैंने विट्ठल भक्तों को जितनी सुविधाएं दी थीं, उससे अधिक निधि देकर मुख्यमंत्री ने वारकरियों का ध्यान रखा है। इसके बाद उन्होंने 65 एकड़ नदी मरुस्थल, पत्राशेड दर्शन बाड़ी का निरीक्षण किया और स्वास्थ्य शिविर में जाकर मरीजों का हालचाल लिया। उन्होंने कहा कि वारकरी की यात्रा सुरक्षित हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
एक दिन पहले, एकनाथ शिंदे ने नक्सलवाद पर कहा था कि गढ़चिरौली में नक्सलवाद और स्लीपर सेल लगभग खत्म होने की स्थिति में हैं। वहां अब विकास कार्य प्रारंभ हो चुके हैं, और रोजगार और मूलभूत सुविधाओं पर हमारा ध्यान केंद्रित है। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त हो जाए।
उन्होंने कहा कि पंढरपुर की वारकरी परंपरा एक पवित्र धार्मिक यात्रा है, जो हर वर्ष श्रद्धा भाव से संपन्न होती है। लाखों लोग इस दौरान यात्रा करते हैं। यदि किसी असामाजिक तत्व के कारण कोई असंतोष या विवाद उत्पन्न होता है, तो सरकार उस पर गंभीरता से जांच करेगी।
आपको बता दें कि वारकरी भगवान विट्ठल के भक्त होते हैं, जो महाराष्ट्र में वारकरी संप्रदाय से जुड़े होते हैं। ये भक्त पंढरपुर में विट्ठल (विष्णु का एक रूप) के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष 'वारी' (तीर्थयात्रा) करते हैं।