क्या लालू परिवार के भ्रष्टाचार के कारण बिहार बदनाम हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
- नित्यानंद राय ने कानून के राज की बात की।
- बिहार की राजनीति में नया मोड़ आ चुका है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की आवाज उठनी चाहिए।
- 2025 के चुनाव में जनता का रुख महत्वपूर्ण होगा।
पटना, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आईआरसीटीसी घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं, जिससे बिहार विधानसभा चुनाव के समय राज्य की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। इस मामले पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा सांसद नित्यानंद राय ने निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि रेल मंत्री रहते लालू प्रसाद यादव द्वारा किया गया घोटाला राष्ट्रव्यापी था। बिहार में इन लोगों ने कई अन्य घोटाले भी किए हैं।
नित्यानंद राय ने लालू परिवार पर आरोपों को लेकर कहा, "देश में कानून सबसे बड़ा है। जिन्होंने भ्रष्टाचार किया है, उसी पर कानून अपना काम कर रहा है। जो भ्रष्टाचार करेगा, घोटाला करेगा, तो कोर्ट उस पर आरोप तय करेगा और उचित फैसला लेगा। कानून इस देश का सबसे बड़ा है। इसलिए जिन लोगों ने घोटाला किया है, भ्रष्टाचार किया है, निश्चित रूप से कानून उस तक पहुंचेगा। भ्रष्टाचारियों के पास कानून पहुंचेगा ही।"
उन्होंने आगे कहा, "15 साल के जंगलराज में बिहार में और भी कई घोटाले हुए, जिसके कारण हजारों करोड़ रुपए लालू परिवार के पास गए, जिससे बिहार का विकास बाधित हुआ। इन घोटालों से बिहार बहुत बदनाम भी हुआ है। रेल मंत्री रहते लालू प्रसाद यादव ने जो घोटाला किया, वह राष्ट्रव्यापी था। बिहार में इन लोगों ने कई घोटाले किए।"
केंद्रीय राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा, "लालू परिवार की वजह से बिहार को बड़ी बदनामी मिली थी, जिसे बिहार की जनता अच्छी तरह जानती है। जनता समझती है कि 15 साल में बिहार की बदनामी और विकास न होना राजद के शासनकाल के कारण हुआ।"
नित्यानंद राय ने कहा कि अब 2025 के चुनाव की घोषणा हो चुकी है। बिहार की जनता 'जंगलराज' स्थापित करने वाली भ्रष्टाचारी पार्टी और परिवार को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी और कभी सत्ता नहीं सौंपेगी।