क्या लद्दाख को राज्य का दर्जा देने के लिए कर्तव्य भवन में वार्ता महत्वपूर्ण है?

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क्या लद्दाख को राज्य का दर्जा देने के लिए कर्तव्य भवन में वार्ता महत्वपूर्ण है?

सारांश

दिल्ली में लद्दाख के लिए महत्वपूर्ण बैठक चल रही है जिसमें राज्य का दर्जा देने, छठी अनुसूची में शामिल करने और हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई पर चर्चा की जा रही है। क्या यह वार्ता लद्दाख के भविष्य को प्रभावित करेगी?

Key Takeaways

  • लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग पर चर्चा हो रही है।
  • छठी अनुसूची में शामिल करने का विषय भी उठाया जाएगा।
  • बैठक में हिंसक झड़पों में प्रभावित परिवारों को मुआवज़ा देने पर विचार होगा।
  • सरकार को जनहित के लिए कदम उठाने की जरूरत है।

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के प्रतिनिधियों के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक चल रही है।

इस बैठक में अधिकारियों और नेताओं द्वारा लद्दाख से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें राज्य का दर्जा देने की मांग, छठी अनुसूची में शामिल करने का विषय और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक तथा अन्य हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई शामिल है।

कर्तव्य भवन 3 में आयोजित यह बैठक, लेह में हाल ही में हुई हिंसा के बाद लद्दाख के नेतृत्व और गृह मंत्रालय (एमएचए) के बीच पहली औपचारिक वार्ता है। लेह में हुई हिंसा में चार नागरिकों की मौत हो गई थी और लगभग 100 अन्य घायल हुए थे।

लेह एपेक्स बॉडी की ओर से बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों में थुपस्तान छेवांग, छेरिंग दोरजय और अशरफ शामिल हैं, जबकि कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस का प्रतिनिधित्व असगर अली करबलाई, कमर अली अखुन और सज्जाद कारगिली कर रहे हैं। लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा जान भी दोनों संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हुए एक जनप्रतिनिधि के रूप में भाग ले रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि बैठक में हिंसक झड़पों में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों को मुआवज़ा देने पर भी विचार-विमर्श होगा।

यह चर्चा केंद्र सरकार द्वारा 24 सितंबर की हिंसा की सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायिक जांच का आदेश देने के फैसले के बाद हो रही है, जिसके बाद लद्दाख निकाय बातचीत फिर से शुरू करने पर सहमत हुए।

इससे पहले, 6 अक्टूबर को, एलएबी और केडीए दोनों ने सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने में विफलता का हवाला देते हुए केंद्रीय अधिकारियों से मिलने से इनकार कर दिया था।

गृह मंत्रालय की आठ सदस्यीय उपसमिति में एलएबी के अध्यक्ष थुपस्तान छेवांग, चेरिंग दोरजय लकरूक, अशरफ बार्च और लेह से वकील हाजी मुस्तफा शामिल हैं, जबकि केडीए का प्रतिनिधित्व असगर अली करबलाई, सज्जाद कारगिली, कमर अली अखून और कारगिल के सांसद हाजी हनीफा कर रहे हैं।

24 सितंबर को सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल के 15वें दिन, लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों के साथ झड़प की, सार्वजनिक भवनों में तोड़फोड़ की और भाजपा कार्यालय तथा पुलिस वाहन में आग लगा दी।

Point of View

NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

लद्दाख को राज्य का दर्जा कब मिलेगा?
यह अभी निश्चित नहीं है, लेकिन वर्तमान वार्ता में इस पर चर्चा हो रही है।
कौन से संगठन इस वार्ता में शामिल हैं?
लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस इस वार्ता में शामिल हैं।
बैठक का उद्देश्य क्या है?
बैठक का उद्देश्य लद्दाख की मांगों पर चर्चा करना है, जिसमें राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करना शामिल है।