क्या महाराष्ट्र में आयुष्मान भारत योजना लातूर के लोगों को मुफ्त इलाज प्रदान कर रही है?

सारांश
Key Takeaways
- आयुष्मान भारत योजना ने लाखों लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं।
- यह योजना महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
- लाभार्थियों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपए का बीमा कवरेज मिलता है।
- सभी सरकारी या सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
- यह योजना 10.74 करोड़ से अधिक परिवारों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
लातूर, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ देशभर में लाखों लोगों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। महाराष्ट्र के लातूर में, यह योजना विशेष रूप से महिलाओं के लिए अत्यधिक लाभकारी साबित हुई है, क्योंकि यह उन्हें मुफ्त और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है।
यह योजना दो मुख्य घटकों पर आधारित है - स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (एचडब्ल्यूसी) और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई)। यह आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपए तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवरेज उपलब्ध कराती है। लाभार्थी देशभर के किसी भी सरकारी या सूचीबद्ध निजी अस्पताल में इस योजना के अंतर्गत इलाज करा सकते हैं।
‘आयुष्मान भारत योजना’ के एक लाभार्थी वसीम मनियारी ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "मैं यहां आया और ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत 50,000 रुपए का मुफ्त स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया। यह गरीबों के लिए एक वरदान है। मैं इस पहल के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करता हूं।"
लातूर की एक सामाजिक कार्यकर्ता और एनजीओ प्रमुख सोनाली गुलबिले ने कहा, "यहां की महिलाएं ‘पीएम-जेएवाई’ जैसी योजनाओं से काफी लाभान्वित हो रही हैं। यह उन्हें कई प्रकार से सशक्त बना रहा है। आयुष्मान भारत के अलावा, लोग कई अन्य सरकारी पहलों का भी लाभ उठा रहे हैं। हम इन प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 23 सितंबर, 2018 को झारखंड के रांची में शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना स्वास्थ्य सेवा वितरण के क्षेत्रीय और खंडित दृष्टिकोण से आगे बढ़कर एक व्यापक आवश्यकता-आधारित स्वास्थ्य सेवा की ओर अग्रसर होने का प्रयास है। यह योजना 10.74 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है, जो कि लगभग 50 करोड़ लोगों या भारत की आबादी के सबसे निचले 40 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करती है। इन परिवारों की पहचान सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 के आधार पर की गई थी।