क्या लेह में देश की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस दौड़ेगी? ट्रायल रन शुरू

सारांश
Key Takeaways
- लेह में पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस सेवा का शुभारंभ।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्बन न्यूट्रल प्रदेश बनाने का संकल्प।
- 1.7 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया गया है।
- बस की कीमत लगभग 2.5 करोड़ रुपए है।
- प्रत्येक बस में 32 यात्रियों की क्षमता है।
लेह, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। स्वच्छ ऊर्जा और हरित परिवहन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए लद्दाख की राजधानी लेह से पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस सेवा का शुभारंभ किया गया है। यह अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित बस, लेह की ऊँचाई और ठंडे मौसम को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई है। यह सेवा सोमवार या मंगलवार से प्रारंभ होने की उम्मीद है।
यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस संकल्प का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने 2020 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लद्दाख को देश का पहला कार्बन न्यूट्रल प्रदेश बनाने का ऐलान किया था। अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि लद्दाख की कई विशेषताएँ हैं, जिनका संरक्षण और पोषण आवश्यक है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 'ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट' के अंतर्गत नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के साथ सहयोग किया है।
एनटीपीसी ने इस परियोजना के तहत लेह के सबसे ऊँचे क्षेत्र में समुद्र तल से 11,562 फीट की ऊँचाई पर 1.7 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया है। इस सोलर प्लांट से तैयार हाइड्रोजन इन बसों को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करेगा। इसके लिए लेह प्रशासन ने एनटीपीसी को 7.5 एकड़ ज़मीन पट्टे पर दी है। इस परियोजना में शामिल हाइड्रोजन बसें वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड से खरीदी गई हैं, जिनकी एक बस की कीमत लगभग 2.5 करोड़ रुपए है।
लेह में एसआईडीसीओ के ऑपरेशन इंचार्ज ताशिचोजिन ने बताया कि अब तक पांच बसें प्राप्त हो चुकी हैं और इनमें से तीन रूटों पर परिचालन की योजना बनाई गई है। समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से उन्होंने कहा कि सोमवार या मंगलवार से बस सेवा शुरू हो जाएगी। अभी ट्रायल के तौर पर बस एक-दो दिन चलाई जाएगी। यदि कोई समस्या नहीं आती है तो नियमित सेवा शुरू कर दी जाएगी।
ताशिचोजिन ने बताया कि प्रत्येक बस में 32 यात्रियों के बैठने की क्षमता है और यह एक बार चार्ज होने पर लगभग 230 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। इन बसों का किराया भी इलेक्ट्रिक बसों के समान रहेगा, जिससे यात्रियों को आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा।