क्या एलजी मनोज सिन्हा ने पुलिस स्मृति दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी?

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क्या एलजी मनोज सिन्हा ने पुलिस स्मृति दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी?

सारांश

श्रीनगर में पुलिस स्मृति दिवस पर, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा पुलिस के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने शहीदों की वीरता और बलिदान की सराहना की और उनके परिवारों के लिए संवेदना व्यक्त की। जानिए इस समारोह में और क्या हुआ।

Key Takeaways

  • शहीदों की श्रद्धांजलि
  • पुलिस की निष्ठा
  • समाज में सुरक्षा बलों का सम्मान
  • कल्याणकारी योजनाएं
  • स्मार्ट तकनीक का उपयोग

श्रीनगर, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को श्रीनगर के जेवान स्थित पुलिस स्मारक पर आयोजित पुलिस स्मृति दिवस समारोह में जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों की वीरता, निष्ठा और बलिदान को नमन करते हुए उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

उपराज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस कर्तव्य, अनुशासन, निष्ठा और निस्वार्थ सेवा की प्रतिमूर्ति है। उन्होंने कहा कि हमारे बहादुर पुलिसकर्मियों ने हमेशा राष्ट्र के विकास और नागरिकों की सुरक्षा को अपनी जान से भी अधिक प्राथमिकता दी है।

मनोज सिन्हा ने कहा कि सेना ने अपनी जान की बाजी लगाकर भी तिरंगा फहराया है। हमारे पुलिसकर्मियों की गौरवशाली विरासत अमर है और उनका सर्वोच्च बलिदान भावी पीढ़ियों को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।”

एलजी सिन्हा ने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष, कानून-व्यवस्था बनाए रखने और हाल की प्राकृतिक आपदाओं जैसी आपात स्थितियों में पुलिस की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की प्रतिबद्धता हमेशा अपने कर्तव्य के प्रति सर्वोपरि रही है।

उन्होंने पुलिस संगठन को नए अपराध रुझानों, नशीली दवाओं की तस्करी और फेक नैरेटिव्स का सामना करने के लिए स्मार्ट तकनीक और नवाचार अपनाने पर बल दिया। साथ ही, उपराज्यपाल ने आपराधिक न्याय प्रणाली के पांच स्तंभों—पुलिस, अभियोजन, न्यायपालिका, फोरेंसिक और जेल—से न्याय की सुलभता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयास करने का आह्वान किया।

उपराज्यपाल ने पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस अपने शहीद जवानों के परिजनों को सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन देने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है।

समारोह के दौरान डीजीपी नलिन प्रभात ने कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर पुलिसकर्मियों के नाम पढ़े। शहीदों के सम्मान में शस्त्र उलटने की परंपरा निभाई गई और दो मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद उपराज्यपाल ने रक्तदान शिविर का दौरा कर दानदाताओं का उत्साहवर्धन भी किया।

Point of View

यह कहना उचित है कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का यह कदम न केवल शहीदों की स्मृति को सम्मानित करता है बल्कि समाज में सुरक्षा बलों के प्रति सम्मान की भावना को भी प्रोत्साहित करता है।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

पुलिस स्मृति दिवस क्यों मनाया जाता है?
पुलिस स्मृति दिवस का आयोजन हर साल उन पुलिसकर्मियों की शहादत को याद करने के लिए किया जाता है जिन्होंने अपने कर्तव्य के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी।
मनोज सिन्हा ने शहीदों के परिवारों के लिए क्या कहा?
मनोज सिन्हा ने शहीदों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और उनके कल्याण के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं का आश्वासन दिया।