क्या सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का सवाल सही है, गोवा में 25 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है?
सारांश
Key Takeaways
- वंदे मातरम की चर्चा देशहित में होनी चाहिए।
- गोवा में हादसे की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए गए।
- सुरक्षा उपायों की अनदेखी से बड़ी घटनाएँ हो सकती हैं।
- राजनीति से ऊपर उठकर चर्चा होनी चाहिए।
- सभी राज्य सरकारों को सुरक्षा ऑडिट करने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर सोमवार को लोकसभा में 10 घंटे की गहन चर्चा आरंभ हो चुकी है। इस पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह सुखद है कि चर्चा हो रही है, लेकिन यह देशहित में होनी चाहिए, न कि राजनीतिक लाभ के लिए। उन्होंने गोवा में हुए हादसे पर भी सरकार से सवाल उठाए।
नई दिल्ली में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "मैं वंदे मातरम पर चर्चा का स्वागत करती हूँ। यह हमारे इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमारी संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह वह समय था जब सभी भारतीय एकजुट होकर अंग्रेजों के खिलाफ खड़े हुए थे। इसलिए आज की चर्चा देश के हित में होनी चाहिए, न कि राजनीति के लिए। हमें राजनीति को एक ओर रखकर वंदे मातरम पर चर्चा करनी चाहिए।"
इंडिगो फ्लाइट में देरी और रद्द होने के मामले पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इसका उत्तर कौन देगा? जो लोग पहले कभी कोई कारण नहीं बताते थे, वे अब यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि नियमों का पालन क्यों नहीं हुआ। जब अन्य एयरलाइंस नियमों का पालन कर रही थीं, तो इंडिगो को छूट क्यों दी गई?
ऐसा लगता है कि पूरी सरकार इंडिगो की जेब में है। जब भी फ्लाइट्स ने उड़ान भरना बंद किया या रद्द किया, तो यह साफ हो गया कि मौजूदा नियमों और कानूनों का उल्लंघन किया गया। मेरा मानना है कि यह समस्या लंबे समय से चल रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उन्हें मनमानी करने की इजाजत क्यों दी? डीजीसीए अधिकारियों को जवाबदेह क्यों नहीं ठहराया गया? अब केवल एक कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। अब सवाल-जवाब का क्या मतलब है? इतने दिनों से वे कहाँ थे? उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
गोवा क्लब में आग लगने की घटना पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और कुछ लोगों को नौकरी से भी निकाला गया, लेकिन 25 लोगों की जान जाने का जवाब कौन देगा? यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को लाइसेंस दिए जाते हैं, फिर भी वे बिना किसी डर के नियमों का उल्लंघन करते हैं। कोई सेफ्टी ऑडिट नहीं होता है और लाइसेंस अक्सर भ्रष्टाचार से प्राप्त होते हैं। अधिक मुनाफा कमाने के लिए ग्राहकों की सुरक्षा की अनदेखी की जाती है। यह समस्या हमारी एयरलाइंस, रेस्टोरेंट और देश के अन्य क्षेत्रों में भी है। खासकर गोवा की घटना के बाद सभी राज्यों को सेफ्टी ऑडिट करने की आवश्यकता है। सभी राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वे कानून का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।