क्या लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की उम्मीद सांसदों को प्रोडक्टिव सत्र में योगदान देने के लिए प्रेरित करेगी?
सारांश
Key Takeaways
- शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा।
- ओम बिरला ने सांसदों से प्रोडक्टिविटी की उम्मीद जताई।
- 13 बिलों का पेश होना, जिसमें आर्थिक और सुरक्षा मामले शामिल हैं।
- विपक्ष की सक्रियता और दबाव की तैयारी।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सोमवार को यह आशा व्यक्त की है कि संसद के सभी सदस्य लोकतंत्र की परंपराओं को मजबूत करने और शीतकालीन सत्र को 'प्रोडक्टिव' बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
यह सत्र आज से शुरू हो रहा है और 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 19 दिनों के शेड्यूल में 15 बैठकें निर्धारित हैं।
ओम बिरला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा, "18वीं लोकसभा का छठा सेशन (विंटर सेशन) आज शुरू हो रहा है। संसद देश की उम्मीदों, लोगों की आकांक्षाओं, लोकतांत्रिक मूल्यों और चुने हुए प्रतिनिधियों की सामूहिक जिम्मेदारी को व्यक्त करने का सर्वोच्च मंच है।"
उन्होंने आगे कहा, "संसद का हर सेशन हमें कर्तव्य, संयम और जनकल्याण की प्रेरणा की ओर ले जाता है, जो लोगों के प्रतिनिधित्व की भावना को गहरा करता है। मुझे उम्मीद है कि सभी सम्माननीय सदस्य लोकतंत्र की स्वस्थ परंपराओं को मजबूत करेंगे और अपनी सक्रिय भागीदारी के माध्यम से इस सत्र को प्रोडक्टिव बनाने में सार्थक योगदान देंगे।"
इस सत्र में कम से कम 13 बिल पेश किए जाने की योजना है, जिनमें बड़े इकोनॉमिक और नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े प्रपोजल शामिल हैं। साथ ही, विपक्ष एसआईआर मुद्दे, नेशनल सिक्योरिटी की चिंताओं और अन्य पेंडिंग मामलों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहा है।
पेश किए जाने वाले विशेष बिलों में सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल, 2025 और हेल्थ सिक्योरिटी नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल, 2025 शामिल हैं।
विपक्ष की पार्टियों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे एसआईआर मुद्दे पर त्वरित और विस्तृत बहस की मांग करेंगी।
उनका यह भी कहना है कि यदि सरकार चर्चा की अनुमति नहीं देती है, तो रुकावटें आ सकती हैं। विपक्ष नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े मामलों को भी उठाएगा।