क्या सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने लोकतंत्र का मजाक बना दिया है?

सारांश
Key Takeaways
- सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने लोकतंत्र की स्थिति पर सवाल उठाया है।
- चौधरी ने केंद्र सरकार के वादों की याद दिलाई।
- युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
जम्मू, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने समाजसेवी सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लोकतंत्र का मजाक बताया है।
उन्होंने कहा कि सोनम वांगचुक जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सक्रिय थे और ग्लोबल वार्मिंग तथा ग्लेशियरों के पिघलने जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उठाते रहे हैं।
चौधरी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि लद्दाख के लिए किए गए वादों में से कोई भी पूरा नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनावों को एक साल हो गया है, लेकिन अभी तक विशेष राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि सोनम वांगचुक को जेल में डालने से लद्दाख की समस्याएँ खत्म नहीं होंगी।
उपमुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि कानून को अपने हाथ में लेना सही नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि युवाओं को रोजगार मुहैया कराए।
आजादी की लड़ाई का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने अपनी जान की बाजी लगाई थी क्योंकि उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि लोग उनसे क्या उम्मीदें रखते हैं।
चौधरी ने कहा कि बेरोजगार युवाओं को सार्थक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए योजनाएं बनाना हमारी जिम्मेदारी है। कुछ महीने पहले, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने युवा मिशन पहल शुरू की थी।
इसी संदर्भ में, जम्मू में युवा मिशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। एक विशाल रोज़गार मेले का आयोजन किया गया है जिसमें 60 कंपनियां भाग ले रही हैं, जो युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर रही हैं।