क्या इंदौर के सीतलामाता बाजार में दिग्विजय सिंह के दौरे पर हुआ हंगामा?

सारांश
Key Takeaways
- दिग्विजय सिंह का दौरा राजनीतिक विवाद का कारण बना।
- व्यापारियों ने दिग्विजय का विरोध किया।
- पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए।
- कांग्रेस इसे संविधान और धर्मनिरपेक्षता का मुद्दा मानती है।
- व्यापारी बाहरी राजनीतिक हस्तक्षेप के खिलाफ हैं।
इंदौर, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के सीतलामाता बाजार में शनिवार को राजनीतिक स्थिति उस वक्त गंभीर हो गई जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह वहां पहुंचे। कुछ दिन पहले इसी बाजार में भाजपा के विधायक मालिनी गौड़ के बेटे द्वारा एक मुस्लिम सेल्समैन को दुकानों से हटाने का मामला प्रकाश में आया था, जिसने शहर में बड़ा विवाद उत्पन्न किया था।
इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दिग्विजय सिंह व्यापारियों से मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोका और थाने ले गई। थाने में उन्होंने पुलिस अधिकारियों को एक शिकायत पत्र देते हुए इस घटना को “सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश” बताया और कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव संविधान का उल्लंघन है और यह समाज के एकता को नुकसान पहुंचाता है।
हालांकि, थाने से बाहर आते ही स्थिति अचानक बदल गई। बड़ी संख्या में व्यापारी उपस्थित थे, जिन्होंने दिग्विजय सिंह का विरोध करना शुरू कर दिया। नारेबाजी के बीच व्यापारियों ने उन्हें बाजार में प्रवेश न करने की चेतावनी दी। विरोध इतना उग्र हो गया कि आक्रोशित लोगों ने मौके पर मौजूद डीसीपी की सरकारी गाड़ी पर चूड़ियां फेंक दीं। पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी।
इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने अतिरिक्त बल तैनात किया ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके। कांग्रेस के नेताओं ने इसे भाजपा समर्थित साजिश बताया और कहा कि दिग्विजय सिंह केवल “शांति और सौहार्द का संदेश” देने आए थे। वहीं, व्यापारियों का कहना है कि वे बाहरी राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं चाहते और बाजार का मामला खुद ही सुलझाएंगे।
यह घटना इंदौर की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आई है। कांग्रेस इसे संविधान और धर्मनिरपेक्षता से जोड़ रही है, जबकि विरोधी दल इसे राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास बता रहे हैं।