क्या मंड्या के मद्दुर में गणेश जुलूस पर पथराव की घटना ने सांप्रदायिक ताने-बाने को प्रभावित किया?

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क्या मंड्या के मद्दुर में गणेश जुलूस पर पथराव की घटना ने सांप्रदायिक ताने-बाने को प्रभावित किया?

सारांश

मद्दुर में गणेश जुलूस पर हुए पथराव ने ताने-बाने को हिला दिया। भाजपा की रिपोर्ट ने विसंगतियों को उजागर किया। क्या यह घटना सद्भाव को प्रभावित करेगी?

Key Takeaways

  • गणेश जुलूस के दौरान पथराव की घटना ने सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाया।
  • भाजपा की तथ्य-खोजी समिति ने सरकारी लापरवाही का आरोप लगाया।
  • मद्दुर के सद्भावपूर्ण इतिहास को खतरा हो सकता है।
  • स्थानीय हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन हुआ।
  • मंत्री चेलुवरायस्वामी ने भाजपा पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया।

मद्दुर (मंड्या), 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के मंड्या जिले के मद्दुर शहर में 7 सितंबर को गणेश जुलूस के दौरान हुई सांप्रदायिक झड़प ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी। भाजपा की तथ्य-खोजी समिति ने अपनी रिपोर्ट में इसे सरकारी लापरवाही और खुफिया विफलता का परिणाम बताया है। समिति का कहना है कि यह घटना मद्दुर के सद्भावपूर्ण इतिहास को हमेशा के लिए बदल देगी। रिपोर्ट में घटना के विवरण, जनसांख्यिकी और निष्कर्षों को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है।

आपको बता दें कि 7 सितंबर को रविवार शाम करीब 7 बजे मद्दुर के आरआर नगर (राम रहीम नगर) के छठे चौराहे से गणपति जुलूस प्रारंभ हुआ। यह जुलूस आरआर नगर की मुख्य सड़कों से होते हुए मस्जिद के करीब पहुंचा। गणेश उत्सव की परंपरा के अनुसार शाम 7:15 बजे जुलूस आगे बढ़ा। जैसे ही जुलूस मस्जिद के पास पहुंचा, पुलिस ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने जुलूस में बज रहे तमते (ढोल) और नादस्वर (पारंपरिक वाद्य यंत्र) को बंद करने का आदेश दिया। पुलिस का कहना था कि इससे उत्सव शांतिपूर्ण रूप से जारी रहेगा। लेकिन जुलूस मस्जिद से आगे बढ़ते ही अचानक इलाके की स्ट्रीट लाइटें बंद हो गईं। इसके तुरंत बाद मस्जिद के आसपास की इमारतों से जुलूस पर पत्थर फेंके गए। श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। हमलावरों को रोकने के बजाय पुलिस ने जुलूस का नेतृत्व कर रहे हिंदू कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया। अंततः, भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। गणपति की मूर्ति को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उसका विसर्जन कर दिया।

इस घटना की खबर फैलते ही मद्दुर में आक्रोश फैल गया। हिंदू संगठनों ने अगली सुबह विरोध में सामूहिक गणपति विसर्जन का ऐलान किया। जिले के प्रभारी मंत्री चेलुवरायस्वामी ने बयान देकर तनाव बढ़ाया। उन्होंने भाजपा पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। इससे स्थानीय हिंदू युवाओं में गुस्सा भड़क उठा। हजारों लोगों ने बंद का समर्थन किया और सामूहिक विसर्जन में हिस्सा लिया।

अगले दिन मंत्री चेलुवरायस्वामी और मुस्लिम समुदाय के कई नेताओं ने प्रेस बयान जारी कर स्वीकार किया कि हिंसा मुस्लिम युवाओं के एक वर्ग ने भड़काई थी। यह उनके पहले के बयानों का खंडन था और आधिकारिक विवरण में विसंगतियों को उजागर करता है। भाजपा समिति के अनुसार, यह घटना स्थानीय तनाव का स्वतःस्फूर्त विस्फोट नहीं, बल्कि सरकारी निष्क्रियता का नतीजा है।

मद्दुर मंड्या जिले का एक ऐतिहासिक शहर है, जो बेंगलुरु-मैसूर राजमार्ग पर शिमशा नदी के किनारे स्थित है। यह उपजाऊ खेतों, गन्ने की फसल और प्रसिद्ध मद्दुर वड़ा के लिए जाना जाता है। यह पुराने मैसूर राज्य का सांस्कृतिक केंद्र रहा है। 2011 की जनगणना के अनुसार, मद्दुर की जनसंख्या लगभग 28,754 है। मंड्या जिले में 94-95 प्रतिशत हिंदू आबादी है, जबकि मुस्लिम लगभग 4 प्रतिशत हैं। मद्दुर शहर हिंदू बहुल है, लेकिन राम रहीम नगर में कुछ मुस्लिम आबादी भी है।

मीडिया और विश्वसनीय स्रोतों के अनुसार, मद्दुर में पहले कोई बड़ी सांप्रदायिक झड़प नहीं हुई थी। गणेश विसर्जन का अनुष्ठान पिछले तीन दशकों से शांतिपूर्ण तरीके से होता आ रहा है। लेकिन, इस घटना ने इसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील बना दिया है। भाजपा समिति का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने वोट-बैंक की राजनीति से सद्भाव को तोड़ा है।

भाजपा ने इस घटना की जांच के लिए तथ्य-खोजी समिति का गठन किया। समिति ने कर्नाटक सरकार के बयानों, विपक्ष की प्रतिक्रियाओं, पुलिस रिपोर्टों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों की समीक्षा की। सदस्यों ने घटनास्थल का दौरा किया, पीड़ितों से बात की और उनके अनुभव सुने। पूर्व डीसीएम सी.एन. अश्वथ नारायण की अगुवाई वाली इस समिति में पूर्व एडीजीपी भास्कर राव, सी. मंजुला और अन्य शामिल हैं। रिपोर्ट स्थानीय और राष्ट्रीय प्रेस की विश्वसनीय रिपोर्टिंग पर आधारित है।

Point of View

बल्कि यह पूरे देश में सांप्रदायिक सद्भाव पर सवाल उठाती है। एक राष्ट्रीय संपादक के रूप में, मेरा मानना है कि हमें ऐसे मुद्दों पर संवेदनशीलता के साथ ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि समाज में फिर से सामंजस्य स्थापित किया जा सके।
NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

मद्दुर में गणेश जुलूस में क्या हुआ?
7 सितंबर को गणेश जुलूस के दौरान सांप्रदायिक झड़प हुई, जिसमें पथराव और पुलिस के हस्तक्षेप की घटनाएँ शामिल थीं।
भाजपा की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
भाजपा की तथ्य-खोजी समिति ने रिपोर्ट में इसे सरकारी लापरवाही और खुफिया विफलता का परिणाम बताया है।
क्या इस घटना से मद्दुर के इतिहास पर प्रभाव पड़ेगा?
समिति का कहना है कि यह घटना मद्दुर के सद्भावपूर्ण इतिहास को हमेशा के लिए बदल देगी।
मद्दुर में पहले सांप्रदायिक झड़पें हुई हैं?
मीडिया के अनुसार, मद्दुर में पहले कोई बड़ी सांप्रदायिक झड़प नहीं हुई थी।
कौन-कौन से नेता इस घटना में शामिल थे?
मंत्री चेलुवरायस्वामी और मुस्लिम समुदाय के कई नेता इस घटना पर बयान देने के लिए सामने आए।