क्या लखनऊ में मंदिर की पार्किंग में दलित बुजुर्ग के साथ हुई अमानवीयता?
सारांश
Key Takeaways
- यह घटना एक दलित बुजुर्ग के साथ अमानवीयता को दर्शाती है।
- पुलिस ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
- राजनीतिक दलों ने इस घटना की निंदा की है।
लखनऊ, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीपावली की रात लखनऊ के काकोरी कस्बे में एक दुखद और अमानवीय घटना हुई। यहां एक दलित बुजुर्ग रामपाल के साथ मंदिर परिसर में न केवल मारपीट की गई, बल्कि उन्हें अमानवीय यातना भी दी गई।
यह घटना 20 अक्टूबर की रात लगभग 8 बजे हुई, जब रामपाल अपने घर लौट रहे थे। थकावट के चलते वह काकोरी के श्री वंखंडेदेश्वर धाम शीतला माता मंदिर की पार्किंग में थोड़ी देर के लिए बैठ गए। इस दौरान अनजाने में उनसे पेशाब हो गया, जिसकी जानकारी उन्हें स्वयं बाद में हुई।
इसी बीच कटरा बाजार के एक सर्राफा व्यापारी स्वामीकांत उर्फ पम्मू वहां पहुंचे और रामपाल पर गुस्सा जताते हुए उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर मंदिर परिसर को गंदा किया। पहले रामपाल ने इनकार किया लेकिन फिर डर के मारे मान भी लिया। इसके बाद जो हुआ, वह अमानवीयता की हद पार कर गया।
पम्मू ने रामपाल को धमकाते हुए अमानवीय व्यवहार किया और उन्हें वहां से भगा दिया।
घटना के अगले दिन रामपाल ने अपने परिवार को पूरी आपबीती सुनाई, जिसके बाद परिवार ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), 352, 351(3) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(द) और 3(1)(ध) के तहत एफआईआर दर्ज की है।
जैसे ही मामला सोशल मीडिया पर आया, राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई। समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी और बसपा के जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार गौतम टीम के साथ काकोरी पहुंचे।
समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के लोगों का चरित्र यही है। आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
सोशल मीडिया पर बढ़ते दबाव के चलते पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी और उचित कार्रवाई का भरोसा दे रही है।