क्या लखनऊ मेट्रो के विस्तार पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुशी जताई?

सारांश
Key Takeaways
- लखनऊ मेट्रो का विस्तार 11.165 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनाएगा।
- इसमें 12 स्टेशन होंगे, जिनमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड हैं।
- यह परियोजना प्रतिदिन 2 लाख यात्रियों को सेवाएं प्रदान करेगी।
- कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मददगार।
- स्थानीय व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मेट्रो रेल परियोजना के चरण-1बी को मंजूरी दी है। इस परियोजना के अंतर्गत 11.165 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर स्थापित किया जाएगा, जिसमें 7 स्टेशन भूमिगत और 5 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के विस्तार को स्वीकृति मिलने पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूपी की राजधानी लखनऊ में मेट्रो रेल परियोजना के चरण-1बी को मंजूरी दी है। इस परियोजना के तहत 11.165 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनाया जाएगा, जिसमें 12 स्टेशन होंगे। इनमें 7 स्टेशन भूमिगत और 5 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "चरण-1बी के पूरा होने के बाद लखनऊ शहर में मेट्रो रेल नेटवर्क की कुल लंबाई 34 किलोमीटर हो जाएगी। यह नया कॉरिडोर प्रतिदिन अतिरिक्त 2 लाख यात्रियों की आवाजाही को संभालने में सक्षम होगा। पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर के इस विस्तार से पुराने लखनऊ के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में यात्रा करने वाले दैनिक यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।"
राजनाथ सिंह ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "मैं इस प्रगतिशील और जनहितैषी निर्णय के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं। मैं लखनऊ में प्रस्तावित मेट्रो विस्तार के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय शहरी एवं आवास मामलों के मंत्री मनोहर लाल का भी आभार व्यक्त करता हूं।"
बता दें कि लखनऊ मेट्रो के विस्तार से लखनऊ के नागरिकों को काफी लाभ होगा। इस परियोजना से अमीनाबाद, यहियागंज, पांडेयगंज और चौक जैसे व्यावसायिक केंद्र, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी जैसे मेडिकल कॉलेज और पर्यटन के मुख्य केंद्र जैसे बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, भूल-भुलैया, घंटाघर और रूमी दरवाजा आदि जुड़ेंगे।
सरकार के अनुसार, लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना में चरण-1बी के जुड़ने और शहर में समग्र मेट्रो रेल नेटवर्क में वृद्धि से पारंपरिक जीवाश्म ईंधन आधारित परिवहन की तुलना में कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आएगी।