क्या मासिक दुर्गाष्टमी पर आदिशक्ति की विशेष पूजा से दूर होंगी सभी बाधाएं?

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क्या मासिक दुर्गाष्टमी पर आदिशक्ति की विशेष पूजा से दूर होंगी सभी बाधाएं?

सारांश

मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मार्गशीर्ष माह में मनाया जाता है, जिसमें आदिशक्ति की विशेष पूजा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं। इस दिन की पूजा का फल नवरात्रि के समान माना जाता है। जानें इस पर्व की विशेषताएं और पूजा विधि।

Key Takeaways

  • मासिक दुर्गाष्टमी
  • आदिशक्ति
  • कन्या पूजन

नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक दुर्गाष्टमी का आयोजन किया जाएगा। पौराणिक धर्म ग्रंथों में इस दिन का विशेष उल्लेख है, जिसमें कहा गया है कि इस दिन व्रत रखने और माता रानी की पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस शुक्रवार को सूर्य वृश्चिक राशि में और चंद्रमा कुम्भ राशि में रहेंगे। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा, जबकि राहुकाल का समय सुबह 10 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 9 मिनट तक रहेगा।

मासिक दुर्गाष्टमी हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन माता भगवती को समर्पित है। मान्यता है कि यदि किसी जातक के जीवन में कोई परेशानियां हैं या फिर कठोर मेहनत के बाद भी विशेष फल की प्राप्ति नहीं हो रही है तो ऐसे में मासिक दुर्गाष्टमी के दिन आदिशक्ति की पूजा और व्रत रखने से आपको लाभ मिल सकता है।

मासिक दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा की पूजा का फल नवरात्रि के पूजन के बराबर होता है। इस बार दुर्गाष्टमी 28 नवंबर को है।

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन विधि-विधान से पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। हो सके तो लाल रंग के वस्त्र पहनें, क्योंकि माना जाता है कि माता को लाल रंग अत्यंत प्रिय है। फिर, मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता की प्रतिमा स्थापित करें, साथ ही कलश की भी स्थापना करें। देवी मां को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं, जिसमें लाल चुनरी, सिंदूर, अक्षत (चावल), लाल पुष्प (विशेषकर गुड़हल), चंदन, रोली आदि अर्पित करें। इसके बाद उन्हें फल, मिठाई, या अन्य सात्विक भोग लगाएं (जैसे खीर या हलवा)। मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं और धूपबत्ती जलाएं। आप चाहें तो दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं और अंत में मां दुर्गा की आरती करें।

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन कन्या पूजन करना शुभ माना जाता है। 9 कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें वस्त्र, फल, मिठाई और दक्षिणा देकर सम्मानित करें। यदि संभव न हो तो कम से कम एक कन्या का पूजन अवश्य करें। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करना भी शुभ माना जाता है।

Point of View

जो श्रद्धालुओं के लिए एक नई शुरुआत और समस्याओं के समाधान का प्रतीक है। इस दिन की पूजा न केवल आध्यात्मिक लाभ देती है, बल्कि समाज के प्रति भी सकारात्मक योगदान का अवसर प्रदान करती है।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

मासिक दुर्गाष्टमी क्या है?
मासिक दुर्गाष्टमी हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है, जिसमें माता दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है।
इस दिन पूजा करने का क्या महत्व है?
इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
कन्या पूजन का महत्व क्या है?
कन्या पूजन इस दिन महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह माता दुर्गा के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करता है।
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