क्या इंग्लैंड को अपने टेस्ट खेलने के तरीके में बदलाव करना चाहिए? इयान बॉथम का बयान
सारांश
Key Takeaways
- इयान बॉथम ने इंग्लैंड के प्रदर्शन की कड़ी आलोचना की।
- टीम को अपने खेलने के तरीके में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है।
- पर्थ टेस्ट में इंग्लैंड का स्कोर 172 और 164 रहा।
- ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से जीत दर्ज की।
- बैजबॉल खेलने की शैली पर इंग्लैंड को ध्यान देना चाहिए।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पर्थ में हुए एशेज सीरीज के पहले टेस्ट में इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड के पूर्व ऑलराउंडर इयान बॉथम ने पर्थ में अपनी टीम के प्रदर्शन को बेहद निराशाजनक करार दिया। बॉथम का कहना है कि इंग्लैंड को अपने खेलने के तरीके में परिवर्तन लाना होगा।
बॉथम ने पीए न्यूज एजेंसी से कहा, "पर्थ में इंग्लैंड का प्रदर्शन बहुत खराब था, इसके लिए कोई और शब्द नहीं है। टीम को जल्दी जोश में आना होगा। मैं यह सुनते-सुनते थक गया हूं, 'हम ऐसे ही खेलते हैं।' अगर मैंने यह एक बार और सुना, तो मुझे लगता है कि मैं टेलीविजन पर कुछ फेंक दूंगा। यदि आप इसी तरह खेलते हैं, तो अभी घर जा सकते हैं, क्योंकि इस तरह के परिणाम 5-0 हो सकते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "शायद उन्हें मेरा यह कहना पसंद न आए, लेकिन उन्हें इसे समझने की ज़रूरत है। इंग्लैंड की जर्सी पहनना गर्व की बात होती है। आपको गंभीरता से खेलना होगा। बैजबॉल मोड से बाहर आना होगा।"
पर्थ टेस्ट केवल दो दिन में समाप्त हुआ। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने वाली इंग्लैंड टीम दोनों पारियों में मिलाकर केवल 67.3 ओवर ही खेल सकी।
इंग्लैंड पहली पारी में 172 और दूसरी पारी में 164 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 132 रन बनाकर आउट हो गई, लेकिन 205 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ट्रेविस हेड ने 69 गेंद पर शतक लगाते हुए 83 गेंद पर 123 रन की पारी खेलकर टीम को 8 विकेट से जीत दिलाई। लाबुशेन ने 51 रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया ने केवल 28.2 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया।
ब्रैंडन मैक्कुलम के कोच बनने और बेन स्टोक्स के कप्तान बनने के बाद इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट को तेजी से रन बनाने की शैली के साथ खेलना शुरू किया है। इसे बैजबॉल नाम दिया गया है। इंग्लैंड ने इस शैली से टेस्ट मैचों में जीत जरूर हासिल की है, लेकिन बड़ी सफलता अभी तक नहीं मिली है। पिछले 3 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में इंग्लैंड ने एक भी नहीं खेला है।