क्या 'उदयपुर फाइल्स' पर मदन राठौड़ ने सही कहा कि फिल्म बनाना और कोर्ट जाना सभी का अधिकार है?

Click to start listening
क्या 'उदयपुर फाइल्स' पर मदन राठौड़ ने सही कहा कि फिल्म बनाना और कोर्ट जाना सभी का अधिकार है?

सारांश

क्या 'उदयपुर फाइल्स' पर मदन राठौड़ का बयान सही है? यह फिल्म और कोर्ट जाने का अधिकार सभी को है, ऐसा कहना है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का। जानिए इस विवाद में उनके विचार और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे।

Key Takeaways

  • फिल्म बनाना और कोर्ट जाना सभी का अधिकार है।
  • राजनीति का इस अधिकार से कोई लेना-देना नहीं है।
  • भाषा विवाद पर सही संवाद होना चाहिए।
  • निर्दोषों को सजा नहीं मिलनी चाहिए।
  • कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

जोधपुर, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' पर चल रही राजनीतिक बयानबाजी के बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदान राठौड़ ने बुधवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि फिल्म बनाना और कोर्ट जाना सभी का अधिकार है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ बुधवार को जोधपुर दौरे पर पहुंचे। इस दौरान सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता के निधन पर संवेदनाएं व्यक्त कीं। साथ ही प्रदेश में हुए प्लेन हादसे में पायलट और को-पायलट की मौत पर भी दुख जताया।

फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' पर हो रही राजनीतिक बयानबाजी के सवाल पर उन्होंने कहा, "मौलिक अधिकार सभी को प्राप्त है। फिल्म बनाने का अधिकार भी सभी को है, कोर्ट में जाने का अधिकार भी सभी को है। इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, यदि विरोध होता है तो राज्य सरकार का काम है, कानून व्यवस्था बनाए रखना।"

महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर हो रही राजनीति को लेकर उन्होंने कहा, "भाषा संदेश के आदान-प्रदान का माध्यम है। मूक-बधिर भी अपना संदेश इशारों से एक-दूसरे को देते हैं। ऐसे में भाषा के आधार पर झगड़ा उचित नहीं है।"

उन्होंने बताया कि भाषा विवाद के कारण मारपीट के वीडियो सामने आने के बाद महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री से बात की और ऐसी घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।

एसआई भर्ती से जुड़े सवाल पर राठौड़ ने कहा, "जो पढ़ाई कर सही तरीके से चयनित हुए हैं, उनका हक क्यों मारा जाए? एक भी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए, और जो दोषी है, उसे छोड़ा नहीं जाना चाहिए।"

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भजन लाल शर्मा को 'पंडित' कहने पर राठौड़ ने कहा कि पंडित विद्वता की पहचान है। अशोक गहलोत ने तो सचिन पायलट को भी नकारा-निकम्मा कहा था।

Point of View

यह स्पष्ट है कि कानून और अधिकारों का मुद्दा हमेशा महत्वपूर्ण होता है। मदन राठौड़ का बयान विभिन्न दृष्टिकोणों को उजागर करता है, और समाज में इन अधिकारों का सम्मान होना चाहिए।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या फिल्म बनाना सभी का अधिकार है?
जी हां, मदन राठौड़ के अनुसार फिल्म बनाना सभी का मौलिक अधिकार है।
राजनीति का फिल्म निर्माण पर क्या प्रभाव होता है?
राठौड़ ने कहा कि फिल्म निर्माण और कोर्ट जाने का अधिकार राजनीति से अलग है।
भाषा विवाद के मामले में क्या कहा गया?
उन्होंने कहा कि भाषा के आधार पर झगड़ा उचित नहीं है।
क्या निर्दोषों को सजा नहीं मिलनी चाहिए?
राठौड़ ने कहा कि एक भी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए।
Nation Press