क्या चंपालाल को नृशंस हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई?

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क्या चंपालाल को नृशंस हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई?

सारांश

खंडवा की अदालत ने चंपालाल उर्फ नंदू को रामनाथ की नृशंस हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई। डीएनए साक्ष्य ने मामले में निर्णायक भूमिका निभाई, जोकि इस प्रकार के मामलों में न्याय की एक नई मिसाल स्थापित करता है। जानें इस केस की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • मौत की सजा का ऐतिहासिक फैसला
  • डीएनए साक्ष्य ने साबित की हत्या में संलिप्तता
  • उप-निरीक्षक रामप्रकाश यादव की उत्कृष्ट जांच
  • सामाजिक सुरक्षा के लिए कड़ी सजाएं आवश्यक
  • न्याय प्रणाली की प्रभावशीलता में वृद्धि

खंडवा, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। खंडवा की द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनिल चौधरी ने एक ऐतिहासिक निर्णय में 23 वर्षीय चंपालाल उर्फ नंदू, पुत्र जालम मेहर को मौत की सजा सुनाई।

छनेरा गांव, पंधाना का निवासी आरोपी को 12 दिसंबर 2024 को रामनाथ बिलोटिया की नृशंस हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। यह मामला पीड़ित की पत्नी शांति बाई बिलोटिया द्वारा पंधाना पुलिस थाने में दर्ज कराई गई एक भयावह घटना से संबंधित है।

उनके अनुसार, 12 दिसंबर 2024 की रात लगभग 2:30 बजे, उनके पति रामनाथ पेशाब करने के लिए घर से बाहर गए। चीख-पुकार सुनकर शांति बाई दौड़कर बाहर आईं और देखा कि नंदू रामनाथ पर जादू-टोना करने का आरोप लगाकर कुल्हाड़ी से उस पर हमला कर रहा था।

उनकी चीखों के बावजूद, नंदू ने हमला जारी रखा और अंततः रामनाथ का सिर धड़ से अलग कर दिया। नंदू ने पड़ोसी रामदयाल धानक और नारायण को भी कुल्हाड़ी से धमकाया, जिससे शांति बाई घबरा कर अंदर भाग गईं।

बोरगांव थाने के प्रभारी उप-निरीक्षक रामप्रकाश यादव ने तत्परता दिखाते हुए नंदू को घटनास्थल से पकड़ लिया और हत्या का हथियार जब्त कर लिया।

पंधाना थाने में नंदू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 103(1) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।

उप-निरीक्षक यादव ने वैज्ञानिक तरीकों से जांच की। टीम ने रामनाथ का सिर और धड़ अलग-अलग बरामद किया और डीएनए रिपोर्ट ने पुष्टि की कि नंदू के कपड़ों और कुल्हाड़ी पर लगे खून का संबंध मृतक से था।

सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विनोद कुमार पटेल ने डीएनए रिपोर्ट और उप-निरीक्षक यादव की गवाही सहित ठोस सबूत पेश करते हुए मामले की पैरवी की।

अदालत ने सबूतों को निर्णायक मानते हुए नंदू को मौत की सजा सुनाई। पुलिस अधीक्षक मनोज राय ने मामले पर कड़ी निगरानी रखते हुए इसे एक गंभीर अपराध घोषित किया और उप-निरीक्षक यादव की उत्कृष्ट जांच के लिए नकद पुरस्कार की घोषणा की।

Point of View

यह मामला न्याय प्रणाली की प्रभावशीलता को दर्शाता है। डीएनए साक्ष्य जैसे आधुनिक तकनीकी उपायों का उपयोग करके न्याय को सुनिश्चित करना आवश्यक है। समाज में बढ़ते अपराधों के प्रति कड़ी सजा ही सही दिशा में एक कदम है।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

चंपालाल को किस हत्या के लिए सजा दी गई?
चंपालाल को रामनाथ बिलोटिया की नृशंस हत्या के लिए मौत की सजा दी गई।
डीएनए साक्ष्य का क्या महत्व था?
डीएनए साक्ष्य ने हत्या में चंपालाल की संलिप्तता को स्पष्ट रूप से सिद्ध किया।
इस मामले की जांच किसने की?
इस मामले की जांच उप-निरीक्षक रामप्रकाश यादव ने की।
अदालत के फैसले से क्या संदेश मिलता है?
अदालत का फैसला यह दर्शाता है कि न्याय प्रणाली आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर अपराधियों को सजा दे सकती है।
क्या यह मामला समाज में बदलाव लाएगा?
यह मामला समाज में अपराध के प्रति सख्त रवैया अपनाने का संकेत देता है।