क्या राजस्थान निवासी मंगत सिंह को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- मंगत सिंह की गिरफ्तारी ने जासूसी गतिविधियों को उजागर किया।
- पाकिस्तानी आईएसआई के साथ उसके संबंधों की पुष्टि हुई।
- जांच में वित्तीय लेन-देन का पता चला है।
जयपुर, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार राजस्थान निवासी मंगत सिंह को शनिवार को एक विशेष अदालत ने तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
विशेष लोक अभियोजक सुदेश कुमार के अनुसार, आरोपी पर पाकिस्तानी आकाओं के साथ संवेदनशील रणनीतिक जानकारी साझा करने के आरोप में सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि अलवर जिले के गोविंदगढ़ निवासी मंगत सिंह ने लोगों की धार्मिक आस्था का लाभ उठाते हुए खुद को 'सिद्ध पुरुष' बताया था।
अलवर क्षेत्र में 'जाने-माने' व्यक्ति के रूप में पहचाने जाने वाले मंगत सिंह ने कथित तौर पर अनुष्ठान करने के बहाने पैसे ऐंठे। अधिकारी कई महीनों से उसकी गतिविधियों पर नज़र रख रहे थे। निगरानी से पता चला कि वह लगभग दो साल से सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी आईएसआई एजेंटों के संपर्क में था।
सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान उसके मोबाइल फोन में 'ईशा शर्मा' और 'ईशा बॉस' नाम से सेव किए गए दो संदिग्ध नंबरों की पहचान पाकिस्तानी हैंडलरों के रूप में हुई।
एक अधिकारी ने कहा, "प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि आरोपी ने पाकिस्तान के साथ संवेदनशील और रणनीतिक जानकारी साझा की थी। हमें दो वित्तीय लेनदेन के रिकॉर्ड भी मिले हैं। हम अन्य संभावित धन हस्तांतरणों की भी जांच कर रहे हैं।"
खुफिया सूत्रों ने पुष्टि की कि जयपुर स्थित खुफिया इकाइयों और केंद्रीय एजेंसियों ने मंगत सिंह के मोबाइल फोन का तकनीकी विश्लेषण किया, जिससे पाकिस्तान स्थित गुर्गों के साथ उसके संबंधों की पुष्टि हुई। जासूसी गतिविधि की पुष्टि के बाद, राजस्थान की सीआईडी (खुफिया) ने मामला दर्ज किया और शुक्रवार को उसे गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान की खुफिया और केंद्रीय एजेंसियां अब उसके वित्तीय लेन-देन, संपर्कों और संभावित स्थानीय नेटवर्क की जांच कर रही हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से, राजस्थान की खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान को सूचना भेजने के संदिग्ध जासूसी नेटवर्क पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। चल रहे प्रति-खुफिया प्रयासों के तहत कई गुर्गों पर निगरानी रखी गई है।