क्या मध्य प्रदेश के किसानों की मदद में सरकार पीछे रह गई है?: सीएम मोहन यादव

सारांश
Key Takeaways
- सरकार ने 1802 करोड़ रुपए की राहत राशि वितरित की है।
- किसानों की मदद के लिए हर वर्ष धन में वृद्धि हो रही है।
- अतिवृष्टि और कीट प्रकोप से किसान प्रभावित हुए हैं।
- किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएँ लागू की गई हैं।
- सरकार का समर्थन किसानों के आत्मविश्वास को बढ़ा रहा है।
भोपाल, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के किसानों को अतिवृष्टि और कीट जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ा है, जिससे उन्हें व्यापक नुकसान का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस वर्ष अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण किसानों की फसल को नुकसान हुआ। पीला मोजैक और कीट प्रकोप ने भी किसानों को परेशान किया है। इसके अतिरिक्त, बारिश के कारण जनहानि, पशुहानि और मकान क्षति से भी किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। ऐसे विकट परिस्थितियों में, सरकार ने किसानों को सहारा देने में कोई कमी नहीं रखी।
सीएम ने बताया कि अतिवृष्टि, बाढ़, और कीट प्रकोप से प्रभावित प्रदेश के 23 लाख 81 हजार से अधिक किसानों को अब तक लगभग 1802 करोड़ रुपए की राहत राशि प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि आरबीसी 6(4) के तहत दी गई इस राहत राशि से किसानों को फिर से उठ खड़े होने में मदद मिली है। यह राशि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में वितरित की गई 660.57 करोड़ रुपए राहत राशि से लगभग तीन गुना अधिक है।
किसानों की सहायता के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि अन्नदाता किसानों के लिए सरकार के खजाने में धन की कोई कमी नहीं है। प्रदेश के हर जरूरतमंद किसान को तत्परता से सरकार का साथ, सहयोग और सहारा दिया जा रहा है। किसानों को दी जाने वाली सहायता में हर वर्ष लगातार वृद्धि हो रही है। वित्त वर्ष 2021-22 में 1590.74 करोड़ रुपए, वित्त वर्ष 2022-23 में 726.15 करोड़ रुपए और वित्त वर्ष 2023-24 में 758.62 करोड़ रुपए की राहत राशि सरकार द्वारा वितरित की गई थी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। हमारी सरकार ने किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी, बिजली, शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण, फसलों पर समर्थन मूल्य और फसल बीमा की राशि का समय पर अंतरण किया है। इससे प्रदेश के किसान भाइयों में एक नया विश्वास और नई उम्मीद जागी है।