क्या मध्य प्रदेश में एनएचआरसी ने करंट लगने से दो बच्चों की मौत का लिया स्वतः संज्ञान?

सारांश
Key Takeaways
- दुर्गा पूजा पंडाल में करंट लगने की घटना हुई।
- एनएचआरसी ने स्वतः संज्ञान लिया।
- दो बच्चों की कथित मौत हुई।
- मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया गया।
- भविष्य में सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक दुर्गा पूजा पंडाल में बिजली के करंट लगने से दो बच्चों की कथित मौत का स्वतः संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पंडाल के आयोजकों ने बिजली के तारों को लापरवाही से जोड़ा था।
एनएचआरसी ने मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और जबलपुर के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया है कि जबलपुर जिले के दुर्गा पूजा पंडाल में खेलते समय 8 और 10 वर्ष के दो बच्चों की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई। यह घटना 24 सितंबर को हुई जब बच्चे लोहे के एक पाइप के संपर्क में आ गए। पंडाल के आयोजकों की ओर से बिजली के तारों को लापरवाही से जोड़ा गया था।
आयोग ने बताया है कि यदि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री सही है, तो यह मानव अधिकार उल्लंघन का एक गंभीर मुद्दा है। इस कारण से, आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और जबलपुर के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसमें जांच की स्थिति भी शामिल होनी चाहिए।
25 सितंबर को प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, घटना की जांच के लिए एक सबडिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है।
इससे पहले, एनएचआरसी ने ऑनलाइन प्लेटफार्मों के जरिए धूम्रपान से जुड़े उत्पादों की बिक्री पर चिंता जताई थी। 23 सितंबर को दर्ज की गई शिकायत के संबंध में आयोग ने 26 सितंबर को संज्ञान लिया और मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत संबंधित विभागों को नोटिस जारी किया।
शिकायत में कहा गया है कि ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों जैसे ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट, और जेप्टो पर धूम्रपान से जुड़े उपकरण आसानी से उपलब्ध हैं। इन प्लेटफार्मों पर उम्र सत्यापन की व्यवस्था कमजोर है, जिससे नाबालिग भी इन खतरनाक उत्पादों तक पहुंच बना रहे हैं।
इसके अलावा, उत्पादों पर अनिवार्य स्वास्थ्य चेतावनी का अभाव भी है, जो सीओटीपीए 2003 कानून का उल्लंघन है। ऑनलाइन प्रचार-प्रसार तंबाकू के अप्रत्यक्ष विज्ञापन की श्रेणी में आता है, जो कि कानूनी रूप से प्रतिबंधित है।