क्या मध्य प्रदेश में आंगनबाड़ी से जनजातीय महिलाओं को रोजगार और कुपोषण का समाधान मिलेगा?

सारांश
Key Takeaways
- 66 नए आंगनबाड़ी केंद्रों का उद्घाटन जनजातीय क्षेत्रों में किया जाएगा।
- जनजातीय महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- बच्चों के कुपोषण में कमी आएगी।
- राज्य सरकार ने सिंचाई शुल्क में राहत देने का निर्णय लिया है।
- बिजली कंपनियों में नियुक्तियों का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ।
भोपाल, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में सरकार ने नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना का निर्णय लिया है, जिसके तहत 66 केंद्र खोले जाएंगे। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने बुधवार को बताया कि इन केंद्रों के खुलने से जनजातीय महिलाओं को रोजगार मिलेगा और बच्चों के कुपोषण में कमी आएगी।
डॉ. सोलंकी ने कहा कि राज्य सरकार ने धरती आबा योजना के तहत जनजातीय बहुल क्षेत्रों में 66 नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने का प्रावधान किया है। इससे न केवल कुपोषण को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि बहनों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। इन केंद्रों के लिए कार्यकर्ता, सहायिका और सुपरवाइजर के पद भी स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन चार जातियों के कल्याण की बात करते हैं, मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व वाली राज्य सरकार उनकी भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्यसभा सांसद ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों के लिए मुख्यमंत्री यादव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ये निर्णय गरीबों, युवाओं, अन्नदाताओं और नारी शक्ति के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। राज्य सरकार ने सिंचाई शुल्क चुकाने में असमर्थ किसानों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए निर्णय लिया है कि ऐसे किसानों से केवल सिंचाई शुल्क की राशि ही ली जाएगी। यह योजना मार्च, 2026 तक लागू रहेगी।
भाजपा सांसद सोलंकी ने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न बिजली कंपनियों में 49,000 से अधिक नियमित पदों पर भर्ती के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिलेगा और बिजली कंपनियों की कार्यक्षमता में सुधार होगा।