क्या मध्य प्रदेश में नक्सलवाद की कमर टूटी है? उज्जैन में हरिद्वार जैसी धार्मिक नगरी बनेगी: सीएम मोहन यादव
सारांश
Key Takeaways
- मध्य प्रदेश में नक्सलवाद की कमर टूटने की खबर।
- उज्जैन में हरिद्वार जैसी धार्मिक नगरी विकसित की जाएगी।
- नदी जोड़ो योजना से सिंचाई का क्षेत्र बढ़ेगा।
भोपाल, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी सरकार का 2 वर्ष का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। इसके साथ ही उन्होंने भविष्य की कार्ययोजना पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य में नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और 2028 में होने वाले सिंहस्थ के मद्देनजर उज्जैन में हरिद्वार जैसी धार्मिक नगरी और संतों के लिए आश्रम बनाए जाएंगे।
राजधानी में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल सहित अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ राज्य सरकार का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था पर चर्चा करते हुए कहा कि यह एक बड़ी समस्या थी और बालाघाट में नक्सलवाद एक बड़ी चुनौती थी। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राज्य के पुलिस अधिकारियों ने बालाघाट में नक्सलवाद को समाप्त करने में सफलता प्राप्त की है। बालाघाट के अलावा मंडला और डिंडोरी में भी नक्सलवाद पर बड़ी उपलब्धियाँ हासिल हुई हैं, जिसके लिए राज्य के पुलिस जवानों और आम लोगों ने भी बड़ी कुर्बानियाँ दी हैं।
वास्तव में, राज्य में पुलिस बल ने नक्सलवाद की कमर तोड़ने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। जहां एक साथ 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, वहीं गुरुवार को भी पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता मिली। राज्य की धार्मिक नगरी उज्जैन में 2028 में सिंहस्थ होने वाला है। राज्य सरकार यहां आने वाले श्रद्धालुओं और साधु-संतों के लिए बेहतर व्यवस्थाओं में जुटी है।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि उज्जैन में हरिद्वार की तरह धार्मिक नगरी विकसित की जाएगी और साधु-संतों के लिए स्थायी आश्रम बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर साधु संतों को आवश्यक भूमि भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही साधु संत शिप्रा नदी में स्नान कर सकें, इसके लिए विशेष योजना बनाई गई है।
उन्होंने राज्य में चल रही नदी जोड़ो योजना की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में लगातार सिंचाई का रकबा बढ़ रहा है और यह योजना अमल में आ रही है। एक तरफ राज्य में केन-बेतवा लिंक योजना पर काम चल रहा है, वहीं चंबल, पार्वती और काली सिंध को भी जोड़ा जा रहा है।