क्या मध्य प्रदेश में पंचायतों के लिए मास्टर प्लान तैयार हो रहा है?

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क्या मध्य प्रदेश में पंचायतों के लिए मास्टर प्लान तैयार हो रहा है?

सारांश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पंचायतों को सशक्त बनाने हेतु एक मास्टर प्लान की बात की है। विदिशा जिले से शुरू होने वाले इस योजना का उद्देश्य विकास और निवास की बेहतर व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करना है। क्या ये कदम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाएंगे?

Key Takeaways

  • पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
  • विदिशा जिले से योजना की शुरुआत होगी।
  • सरकार ने पंचायतों को वित्तीय अधिकार दिए हैं।
  • किसानों को सोलर पंप योजना के माध्यम से लाभ मिलेगा।
  • पंचायतें पीने के पानी का प्रबंध कर सकेंगी।

भोपाल, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि राज्य में पंचायतों को सशक्त और अधिकार संपन्न बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, इसलिए पंचायतें विकास के प्रति संकल्पित होकर आगे बढ़ें। निवेश और निवास की बेहतर व्यवस्था हेतु मास्टर प्लान तैयार करें। इसकी शुरुआत विदिशा जिले से हो रही है।

राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में पंचायतों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने के लिए आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में मोहन यादव ने कहा कि भारतीय व्यवस्था की आधारशिला स्थानीय स्वशासन रही है। हमारे यहां शासन की शुरुआत गांव से होती है, जो राष्ट्र की ओर बढ़ता है। यही कारण है कि भारतीय सोच में गांव को स्वराज और आत्मनिर्भरता का मूल माना गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब आत्मनिर्भर भारत और सुशासन का दृष्टिकोण साझा किया, तब उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की ताकत उसके गांवों, पंचायतों और जनसामान्य की सामूहिक शक्ति में निहित है।

आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्य प्रदेश विषय पर आयोजित यह कार्यशाला, ग्राम स्वराज, स्थानीय आत्मनिर्भरता और विकसित भारत 2047 के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मोहन यादव ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि पंचायतों को प्रशासनिक रूप से दक्ष, वित्तीय रूप से सक्षम और सामुदायिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की ठोस रणनीति तैयार करने की इस यात्रा का नेतृत्व प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधि कर रहे हैं। राज्य सरकार पंचायत संस्थाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

जिला पंचायत और जनपद पंचायतों के उपाध्यक्ष अभी शिक्षा समितियों के अध्यक्ष होते हैं, लेकिन निरीक्षण के दौरान उनके सुझावों को ध्यान में नहीं रखा जाता है। अब उनके द्वारा किए गए विद्यालय निरीक्षण और सुझावों को लिपिबद्ध किया जाएगा और शासन इन्हें लागू करेगा। राज्य सरकार ने सरपंचों को पंचायत की गतिविधियों के लिए २५ लाख रुपए तक की राशि खर्च करने का अधिकार दिया है। यह केवल एक शुरुआत है, आगे भी इस दिशा में और पहल की जाएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पंचायतों को पीने के पानी का प्रबंध करने का अधिकार दिया है। पंचायतें विकास के प्रति संकल्पित होकर आगे बढ़ें। निवेश और निवास की बेहतर व्यवस्था के लिए मास्टर प्लान तैयार करें। इसकी शुरुआत विदिशा जिले से हो रही है। राज्य सरकार किसानों को सोलर पंप योजना के माध्यम से लाभ पहुंचा रही है। अगर कोई किसान ३ हॉर्स पावर से ५ हॉर्स पावर तक का सोलर पंप लेता है तो उसे ९० प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। पंचायतें इस योजना को भी आगे बढ़ाएं। राज्य सरकार किसानों को बिजली के लिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

प्रदेश सरकार ने पंचायतों के माध्यम से एक बगिया मां के नाम की शुरुआत की है। इस दिशा में भी ग्राम स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की २६ नवंबर तक चलने वाली आईएस कार्यशाला में विभागीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि यह राज्य स्तरीय कार्यशाला त्रि-स्तरीय पंचायत व्यवस्था के बेहतर क्रियान्वयन के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। विकास और जनकल्याण गतिविधियों के बेहतर संचालन के लिए पंचायत प्रतिनिधियों और जिला जनपद अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय आवश्यक है। भारत में परंपरागत रूप से ग्राम विकास की व्यवस्था समाज और सरकार की संयुक्त भागीदारी पर आधारित थी। वर्तमान में भी गतिविधियों के बेहतर संचालन के लिए सामुदायिक सहभागिता आवश्यक है।

Point of View

यह विकास की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। इससे पंचायतों को आर्थिक और प्रशासनिक रूप से सक्षम बनाने में मदद मिलेगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि आएगी।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

मध्य प्रदेश में पंचायतों के लिए मास्टर प्लान कब शुरू होगा?
यह योजना विदिशा जिले से शुरू की जा रही है।
क्या पंचायतों को निवेश के लिए विशेष अधिकार दिए गए हैं?
जी हां, पंचायतों को २५ लाख रुपए तक खर्च करने का अधिकार दिया गया है।
सरकार किसानों को किस प्रकार लाभ पहुंचा रही है?
सरकार सोलर पंप योजना के माध्यम से किसानों को ९० प्रतिशत अनुदान दे रही है।
क्या पंचायतें अब पानी की व्यवस्था कर सकती हैं?
जी हां, पंचायतों को पीने के पानी का प्रबंध करने का अधिकार दिया गया है।
इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाना और विकास की दिशा में कार्य करना है।
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