क्या मध्य प्रदेश पर बजट से ज्यादा का कर्ज हो गया है? कमलनाथ
सारांश
Key Takeaways
- मध्य प्रदेश पर कर्ज बढ़ता जा रहा है।
- बजट से ज्यादा कर्ज हो चुका है।
- सरकार की वित्तीय स्थिति चिंताजनक है।
- फिजूलखर्ची का आरोप लगाया गया है।
- युवाओं के लिए नौकरी की कमी है।
भोपाल, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रमुख नेता कमलनाथ ने राज्य पर बढ़ते कर्ज को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अब तो बजट से भी ज्यादा कर्ज राज्य पर चढ़ चुका है। राज्य सरकार लगातार नए कर्ज ले रही है।
कमलनाथ ने कहा, "मध्य प्रदेश की सरकारी आमदनी और खर्च के बीच आमदनी का अनुपात अठन्नी और खर्चा रुपया वाली स्थिति में पहुंच गया है।" प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक बार फिर 5,200 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है, जिससे कुल कर्ज की राशि अब 4.60 लाख करोड़ रुपए हो गई है, जबकि राज्य का बजट केवल 4.21 लाख करोड़ रुपए है।
कमलनाथ ने आगे कहा, "मध्य प्रदेश के वित्तीय हालात ऐसे हैं कि सरकार की सालाना आय से ज्यादा का कर्ज हो गया है।" उन्होंने कहा कि बजट और कर्ज के बीच 40 हजार करोड़ रुपए का अंतर आ चुका है। कई बार तो कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए भी सरकार को नया कर्ज लेना पड़ता है।
कमलनाथ ने राज्य पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाते हुए कहा, "इतनी खराब वित्तीय हालत के बावजूद भाजपा के नेता सरकारी पैसा अपनी शानो-शौकत पर खर्च कर रहे हैं।" कर्ज में डूबे प्रदेश के बावजूद सरकार ने एक हवाई जहाज खरीदने का निर्णय लिया है। मंत्रियों के बंगलों की साज-सज्जा पर भी धन खर्च किया जा रहा है।
इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि लाड़ली बहनों को 3 हजार रुपए प्रतिमाह नहीं दिए जा रहे हैं और किसानों को गेहूं और धान
कमलनाथ ने कहा कि युवाओं के लिए नौकरीछात्रवृत्तिसरकार के पास नहीं है। इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि भाजपा सरकार में वित्तीय प्रबंधन पूरी तरह से गायब है।