क्या मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन की लैंड पूलिंग योजना निरस्त की?

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क्या मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन की लैंड पूलिंग योजना निरस्त की?

सारांश

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने उज्जैन में सिंहस्थ-2028 से पहले लैंड पूलिंग योजना को निरस्त करने का निर्णय लिया है। यह कदम किसानों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिससे उन्हें राहत मिली है। जानिए इस फैसले के पीछे की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • लैंड पूलिंग योजना को निरस्त किया गया है।
  • यह निर्णय उज्जैन के किसानों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया।
  • मुख्यमंत्री ने विकास योजनाओं पर जोर दिया है।
  • सिंहस्थ-2028 के आयोजन की तैयारियां जारी हैं।
  • किसान संघ ने निर्णय का स्वागत किया।

भोपाल, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने उज्जैन में वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ से पूर्व लाए गए लैंड पूलिंग योजना को निरस्त कर दिया है। यह निर्णय उज्जैन के किसानों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

वास्तव में, राज्य सरकार ने उज्जैन में विकास कार्यों को बढ़ावा देने और बेहतर सुविधाओं के लिए यह योजना बनाई थी। इसमें 17 गांवों के किसानों की भूमि प्रभावित होने वाली थी। इस अधिनियम में यह प्रावधान था कि किसानों की ज़मीन का उपयोग विकास कार्यों के लिए किया जाएगा और 50 प्रतिशत भूमि किसानों को लौटाई जाएगी।

इस योजना का भारतीय किसान संघ ने विरोध किया था। इसके पश्चात, जिला कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया कि किसानों की सहमति से ही भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। फिर भी कई किसान असंतुष्ट रहे।

किसान संघ, भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी, उज्जैन के जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल में बैठक की। इस बैठक में सिंहस्थ आयोजन को लेकर चर्चा की गई। सिंहस्थ को दिव्य, भव्य और विश्वस्तरीय बनाने के लिए सरकार ने हर संभव प्रयास करने पर सहमति प्रकट की। साधु संतों और किसानों के हितों का ध्यान रखा जाएगा।

बैठक के उपरांत, सिंहस्थ लैंड पूलिंग योजना को निरस्त करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन विकास विभाग और जिला प्रशासन को आदेश जारी करने के निर्देश दिए।

बैठक में बीजेपी अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, विधायक अनिल जैन कालूहेडा, किसान संघ से महेश चौधरी, कमल सिंह आंजना, अतुल माहेश्वरी, लक्ष्मी नारायण पटेल, भरत बैस, रमेश दांगी, बीजेपी नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल, जिला महामंत्री कमलेश बैरवा, महामंत्री जगदीश पांचाल और आनंद खींची शामिल थे।

किसान संघ ने मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया। सिंहस्थ के आयोजन की तैयारी सरकार द्वारा जारी है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार शाम को नई दिल्ली में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री डॉ. मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने डॉ. खट्टर को सिंहस्थ-2028 आयोजन से जुड़ी तैयारियों और अन्य प्रमुख परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी।

मुख्यमंत्री यादव ने सिंहस्थ क्षेत्र में अधोसंरचनात्मक विकास कार्यों और संबंधित विषयों के बारे में केंद्रीय मंत्री को विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ-2028 को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का सर्वोत्कृष्ट आयोजन बनाने के लिए राज्य सरकार विभिन्न बहुआयामी योजनाओं पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत अभियान, अमृत मिशन, स्मार्ट सिटी पहल इत्यादि की प्रगति की भी जानकारी दी।

Point of View

यह कदम एक सकारात्मक दिशा में उठाया गया है। सरकार को इस संतुलन को बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

लैंड पूलिंग योजना क्या थी?
यह योजना 17 गांवों के किसानों की भूमि का अधिग्रहण कर विकास कार्यों के लिए बनाई गई थी, जिसमें 50% भूमि किसानों को लौटाई जाने का प्रावधान था।
किसानों का इस योजना के प्रति क्या मत था?
किसान संघ ने इस योजना का विरोध किया था और कई किसान सहमति नहीं दे रहे थे।
सिंहस्थ-2028 का आयोजन कब होगा?
सिंहस्थ-2028 का आयोजन वर्ष 2028 में होना है।
मुख्यमंत्री ने इस निर्णय के बाद क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया और विकास कार्यों के लिए अन्य योजनाओं पर जोर दिया।
क्या इस निर्णय से किसानों को राहत मिली है?
हाँ, किसानों ने मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत किया और इसे उनके हित में एक सकारात्मक कदम माना।
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