क्या यूनुस सरकार शेख हसीना और अवामी लीग के प्रति 'घोर घृणा' रखती है?
सारांश
Key Takeaways
- शेख हसीना की दोषसिद्धि राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देखी जा रही है।
- बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को जनता का समर्थन नहीं मिल रहा है।
- बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति गंभीर हो सकती है।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के पूर्व उच्चायुक्त पिनाक रंजन चक्रवर्ती ने सोमवार को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की दोषसिद्धि को "राजनीतिक प्रतिशोध" कहा। उन्होंने यह भी बताया कि ढाका में वर्तमान सत्तारूढ़ लोग हसीना और अवामी लीग पार्टी के प्रति घृणा का अनुभव कर रहे हैं।
चक्रवर्ती ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा कि मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को जनता का समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि हसीना के खिलाफ निर्णय से बांग्लादेश में और अधिक अशांति हो सकती है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या हसीना को दी गई मौत की सजा उचित है, तो उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है। ढाका में सत्ता में मौजूद लोग हसीना और अवामी लीग से नफरत करते हैं। एक कारण यह है कि जमात-ए-इस्लामी ने आंदोलन में भाग लिया था और अब सरकार पर मौत की सजा का दबाव बना रही है।
उन्होंने कहा कि छात्र भी हसीना द्वारा बल प्रयोग को लेकर निराश हैं, जिसमें लगभग 1400 लोग मारे गए। प्रोफेसर यूनुस भी बदला लेना चाहते हैं क्योंकि उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं।
पूर्व राजनयिक की यह टिप्पणी बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) द्वारा हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद आई है। चक्रवर्ती ने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में फरवरी में होने वाले चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते, क्योंकि सत्ता में बैठे लोग हसीना की अवामी लीग के खिलाफ हैं।
मई में, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अवामी लीग और इसके सहयोगी संगठनों की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया।
चक्रवर्ती ने यह भी कहा कि हमें वर्तमान सरकार के साथ बहुत कम व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि यह सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी।
इस बीच, पोलैंड में भारत के पूर्व राजदूत दीपक वोहरा ने कहा कि आईसीटी के फैसले से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।