क्या वैष्णो देवी तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा और आपदा तैयारियों पर जोर दिया गया?

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क्या वैष्णो देवी तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा और आपदा तैयारियों पर जोर दिया गया?

सारांश

कटरा में आयोजित एक बैठक में वैष्णो देवी तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा और आपदा प्रबंधन पर चर्चा हुई। सीईओ सचिन कुमार वैश्य ने सभी संबंधित एजेंसियों को आवश्यक निर्देश दिए। क्या यह प्रयास तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा? जानिए अधिक।

Key Takeaways

  • मॉक ड्रिल्स का नियमित आयोजन आवश्यक है।
  • आपदा प्रबंधन की तैयारियों को मजबूत करना जरूरी है।
  • सुरक्षा उपकरणों की कार्यक्षमता की जांच होनी चाहिए।
  • आईसीसीसी की भूमिका महत्वपूर्ण है।
  • स्थानीय दुकानों और काम करने वाले लोगों का सत्यापन जरूरी है।

कटरा, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कटरा के आध्यात्मिक विकास केंद्र में सोमवार को श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ सचिन कुमार वैश्य की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में माता वैष्णो देवी तीर्थयात्रा के दौरान आपदा प्रबंधन और सुरक्षा तैयारियों को मजबूती प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया गया।

बैठक में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधिकारी, रियासी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, सीआरपीएफ के उप-कमांडेंट, अग्निशामक और आपातकालीन सेवाओं के प्रतिनिधि, तथा अन्य संबंधित लोग शामिल हुए।

सीईओ ने कहा कि मॉक ड्रिल का नियमित आयोजन अत्यंत आवश्यक है ताकि आपदा प्रबंधन टीमें और सभी संबंधित एजेंसियां किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दे सकें। उन्होंने एनडीआरएफ को निर्देश दिए कि इस तरह के अभ्यास और इंटर-एजेंसी समन्वय को और अधिक सुदृढ़ किया जाए।

अग्निशामक और आपातकालीन सेवाओं के प्रतिनिधि को ट्रैक और श्राइन क्षेत्र का संपूर्ण अग्नि सुरक्षा ऑडिट करने के लिए निर्देशित किया गया। सीईओ ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का कड़ाई से पालन करने और आपदा की तैयारी के सभी पहलुओं में सतर्कता बरतने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ट्रैक और भवन क्षेत्र में मौजूद आपदा प्रबंधन भंडारों की पूरी जांच की जानी चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर भंडारों को फिर से भरा और उन्नत किया जाना चाहिए और सभी उपकरणों को कार्यशील स्थिति में रखा जाना चाहिए।

सीईओ ने स्थानीय दुकानों और ट्रैक के किनारे काम कर रहे व्यक्तियों के सत्यापन की प्रक्रिया को तेज करने की भी बात की। उन्होंने आईसीसीसी (इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर) की केंद्रीय भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि यह केंद्र वास्तविक समय में निगरानी, संचार और निर्णय लेने में मदद करता है और एजेंसियों के बीच समन्वय को सरल बनाता है। तीर्थ क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही पर भी चर्चा हुई और संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए।

सुरक्षा एजेंसियों से कहा गया कि वे सभी सुरक्षा उपकरणों की कार्यक्षमता और तत्परता की संपूर्ण जांच करें। सीईओ ने कहा कि नियमित मूल्यांकन आवश्यक है और यदि कोई महत्वपूर्ण उपकरण तुरंत चाहिए तो उसकी खरीद भी तत्काल की जानी चाहिए।

सीईओ ने कहा कि तीर्थ क्षेत्र और उसके आस-पास सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती आवश्यक है ताकि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और पूरे मार्ग पर एक सुरक्षित वातावरण बना रहे। इस बैठक में सभी एजेंसियों ने आपसी समन्वय और तैयारी को और बेहतर बनाने पर सहमति व्यक्त की।

Point of View

NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

वैष्णो देवी तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा तैयारियों में क्या शामिल है?
सुरक्षा तैयारियों में मॉक ड्रिल, अग्नि सुरक्षा ऑडिट, और आपातकालीन सेवाओं का समन्वय शामिल है।
सीईओ सचिन कुमार वैश्य ने क्या निर्देश दिए?
उन्होंने सुरक्षा उपकरणों की कार्यक्षमता की जांच और नियमित मूल्यांकन करने पर जोर दिया।
आईसीसीसी का क्या महत्व है?
आईसीसीसी वास्तविक समय में निगरानी और एजेंसियों के बीच समन्वय में मदद करता है।
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