क्या मध्य प्रदेश के शिवालयों में हर-हर महादेव और बम-बम भोले की गूंज सुनाई दे रही है?

Click to start listening
क्या मध्य प्रदेश के शिवालयों में हर-हर महादेव और बम-बम भोले की गूंज सुनाई दे रही है?

सारांश

श्रावण मास का पहला सोमवार धार्मिक नगरों में भक्ति का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रहा है। भक्त शिवालयों में पहुंचकर हर-हर महादेव और bam-bam bhole के जयकारे लगाते हुए विशेष पूजा-अर्चना कर रहे हैं। इस दौरान, श्रद्धालु जल चढ़ाकर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने का प्रयास कर रहे हैं।

Key Takeaways

  • श्रावण मास में भक्तों की संख्या में वृद्धि होती है।
  • शिवालयों में विशेष अनुष्ठान और पूजा का आयोजन होता है।
  • महाकालेश्वर मंदिर और बिलावली महाकालेश्वर मंदिर की विशेषता।
  • भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने की मान्यता।
  • देशभर से श्रद्धालु इन मंदिरों में आते हैं।

भोपाल, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। श्रावण मास के पहले सोमवार को धार्मिक नगरी और मंदिरों में हर जगह 'हर-हर महादेव' और 'बम-बम भोले' की गूंज सुनाई दे रही है। भक्तगण शिवालयों में पहुंचकर विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं। शिव भक्त भक्ति के रंग में रंगे नजर आ रहे हैं और मंदिरों में जाकर विशेष पूजा-अर्चना कर रहे हैं। भक्ति में डूबे भक्त और कांवड़ यात्री शिव मंदिरों में जल चढ़ा रहे हैं।

उज्जैन में भस्म आरती के बाद श्रद्धालु बड़ी संख्या में बाबा महाकाल को जल अर्पित करने पहुंच रहे हैं। भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई हैं और हर तरफ हर हर महादेव और महाकाल की जयकारे गूंज रहे हैं। श्रद्धालु क्षिप्रा नदी के रामघाट पर स्नान कर रहे हैं और फिर महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं। इस अवसर पर बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया है।

ओंकारेश्वर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर शिवजी की आराधना कर रहे हैं। कांवड़िए नर्मदा नदी का जल लेकर शिवजी को चढ़ा रहे हैं। यहां आदि शंकराचार्य का विशेष स्थल भी बनाया गया है, जहां लोग पुण्य कमाने पहुंच रहे हैं। राजधानी के पास भोज मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी है। वे शिवजी को बेलपत्र, धतूरा और जल चढ़ाकर मनोकामनाएं मांग रहे हैं। कई श्रद्धालु मीलों दूर से पैदल आ रहे हैं। यहां का माहौल पूरी तरह शिवमय है।

राज्य के सभी हिस्सों में स्थित शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लगी हुई है। पूजा-पाठ और अनुष्ठान चल रहे हैं। लोग शिवजी को पंचामृत से स्नान कराकर बेलपत्र और फूल चढ़ा रहे हैं। हर तरफ 'हर हर महादेव' और 'बम भोले' के जयकारे गूंज रहे हैं।

इसी तरह, देवास स्थित बिलावली महाकालेश्वर मंदिर में भी सुबह से ही बाबा महाकालेश्वर के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है। श्रद्धालु पूजा की थाली में जल, दूध, बेलपत्र, फूल और प्रसाद लेकर अपने भोले बाबा को जल चढ़ाकर आशीर्वाद ले रहे हैं।

मंदिर के पुजारी के अनुसार, बिलावली महाकालेश्वर मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग है, जो 'तिल-तिल बढ़ता शिवलिंग' के नाम से प्रसिद्ध है। कथा है कि पहले एक पुजारी रोज उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन के लिए जाते थे, लेकिन एक बार रास्ते में नालपुर के कारण वे उज्जैन नहीं पहुंच सके। वहां उन्होंने बाबा का जाप किया, तो स्वयं महाकाल ने दर्शन दिए और कहा कि 5 मिनट में अच्छी जगह रखो, मैं बिलावली में प्रकट होऊंगा। इसके बाद बिलावली में यह शिवलिंग प्रकट हुआ, जो थोड़ा तिरछा है।

यह शिवलिंग भक्तों की हर मनोकामना पूरी करता है। यही कारण है कि न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि दूर-दूर से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।

Point of View

बल्कि यह भारतीय संस्कृति की समृद्धि को भी उजागर करता है। देशभर से आए श्रद्धालु इस अवसर पर अपनी आस्था को व्यक्त कर रहे हैं।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

श्रावण मास का महत्व क्या है?
श्रावण मास को भगवान शिव की आराधना का विशेष समय माना जाता है। इस महीने में भक्त जल चढ़ाते हैं और विशेष अनुष्ठान करते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
महाकालेश्वर मंदिर को भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक माना जाता है। यहाँ भक्तों की भारी संख्या पहुँचती है।
कांवड़ यात्रा का क्या महत्व है?
कांवड़ यात्रा का आयोजन भक्तों द्वारा शिवजी के प्रति श्रद्धा और भक्ति प्रकट करने के लिए किया जाता है।
बिलावली महाकालेश्वर मंदिर की विशेषता क्या है?
यह मंदिर स्वयंभू शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है, जो तिल-तिल बढ़ता है।
कौन से स्थानों पर शिवालय हैं?
मध्य प्रदेश राज्य में उज्जैन, ओंकारेश्वर, देवास और भोपाल जैसे स्थानों पर शिवालय स्थित हैं।