क्या महागठबंधन वाले हार देखकर अपने प्रत्याशी का चयन नहीं कर पा रहे हैं: नित्यानंद राय?

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की स्थिति चिंताजनक है।
- भाजपा और एनडीए का विकास कार्य जारी है।
- बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर को है।
- महागठबंधन को अपनी रणनीतियों में सुधार करने की आवश्यकता है।
- मतगणना 14 नवंबर को होगी।
पटना, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की गतिविधियाँ अब तेज़ हो गई हैं। इस दौरान, महागठबंधन में सीट बंटवारे का मामला अभी तक सुलझ नहीं पाया है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नित्यानंद राय ने इस पर तंज करते हुए कहा कि महागठबंधन के नेता हार का सामना करते हुए यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि एनडीए के खिलाफ कौन प्रत्याशी उतारा जाए।
पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि महागठबंधन ने अब तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दिया है, जो कि उनकी परेशानी का कारण है। वर्तमान चुनावी माहौल से स्पष्ट है कि महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अपनी हार देखकर महागठबंधन के नेता इतने चिंतित हैं कि वे यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ किसे मैदान में उतारा जाए। उनके लिए हार निश्चित है। कई प्रत्याशी तो यह मानते हैं कि महागठबंधन में शामिल किसी दल ने यदि टिकट भी दे दिया, तो भी हार पक्की है। अब स्थिति यह है कि महागठबंधन में कोई भी टिकट लेने के लिए तैयार नहीं है।
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने आगे कहा कि महागठबंधन की हार निश्चित है, यही कारण है कि यह स्थिति बनी है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार में देश में विकास की गंगा बह रही है, जिससे जनता लाभान्वित हो रही है। 30 करोड़ से अधिक लोगों की गरीबी समाप्त हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास' का संकल्प भाजपा और एनडीए के कार्यों में देखा जा सकता है। 2047 तक देश को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि अब विपक्ष के पास कुछ भी नहीं बचा है। बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी।