क्या महाकाल के दरबार में भक्तों ने त्रिपुंड और मुंडमाला में दिव्य दर्शन किए?

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क्या महाकाल के दरबार में भक्तों ने त्रिपुंड और मुंडमाला में दिव्य दर्शन किए?

सारांश

महाकाल के दरबार में भक्तों की भीड़ लगी है, जहां उन्होंने त्रिपुंड और मुंडमाला में बाबा के दिव्य दर्शन किए। यह अद्वितीय अनुभव न केवल भक्तों को आकर्षित करता है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक समागम भी है। जानें, कैसे बाबा का श्रृंगार और भस्म आरती भक्तों को मंत्रमुग्ध करती है।

Key Takeaways

  • महाकाल के दरबार में भक्तों की अपार श्रद्धा।
  • भस्म आरती का अद्वितीय अनुभव।
  • हर दिन का श्रृंगार अलग होता है।
  • दूर-दूर से भक्तों का आना।
  • बॉलीवुड सेलेब्स भी शामिल होते हैं।

उज्जैन, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाकाल के दरबार में मंगलवार को भक्तों ने बाबा के दिव्य दर्शन का अनुभव किया। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर, सुबह बाबा महाकाल ने त्रिपुंड और मुंडमाला पहने भक्तों को अद्वितीय दर्शन दिए।

बाबा का मनमोहक रूप देख भक्तों ने जयकारे लगाए।

सुबह 4 बजे, बाबा की भस्म आरती के लिए मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद, पुजारियों ने बाबा महाकाल का दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से पंचामृत अभिषेक किया और भस्म आरती आयोजित की।

महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा ही बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की जाती है, जिसमें बाबा भक्तों को निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं। भस्म आरती के बाद, बाबा का चंदन से श्रृंगार किया जाता है और उन्हें नवीन मुकुट पहनाकर फूलों की माला अर्पित की जाती है।

बाबा की भस्म आरती देश-विदेश में प्रसिद्ध है। इसके दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं, जिनमें कई बॉलीवुड सेलेब्स भी शामिल हैं, जैसे दिव्या दत्ता, संजय दत्त, रवि किशन आदि। भस्म आरती का हिस्सा बनने के लिए भक्तों को पहले से ऑनलाइन पंजीकरण कराना होता है और इस दिन भस्म आरती के लिए नंबर या टोकन लेना पड़ता है। पंजीकरण के लिए मंदिर द्वारा निर्धारित शुल्क भी अदा करना होता है।

हर दिन बाबा का श्रृंगार अलग-अलग तरीकों से किया जाता है, जिसके दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं।

भस्म आरती की प्रक्रिया में पहले ज्योतिर्लिंग को वस्त्र से आच्छादित किया जाता है, फिर भस्म लगाई जाती है। इसके बाद भगवान को रजत मुकुट, त्रिपुंड, रुद्राक्ष, मुंडमाला और फूलों से सजाया जाता है। यह श्रृंगार प्रतिदिन अलग-अलग रूप में किया जाता है, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है। आज के चंद्र-कमल श्रृंगार ने भक्तों का मन मोह लिया।

Point of View

जो हमारे समाज की एकता और विविधता को दर्शाता है। यह दर्शन केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक श्रद्धा का भी प्रतीक है।
NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

महाकाल की भस्म आरती कब होती है?
महाकाल की भस्म आरती हर दिन सुबह 4 बजे होती है।
भस्म आरती के लिए पंजीकरण कैसे करें?
भक्तों को ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होता है और टोकन प्राप्त करना होता है।
महाकाल का श्रृंगार कैसे किया जाता है?
हर दिन बाबा का श्रृंगार अलग-अलग तरीकों से किया जाता है, जिसमें भस्म, चंदन और फूल शामिल होते हैं।
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