क्या महंत स्वामी नारायण दास ने रामलीला में पूनम पांडे को ‘मंदोदरी’ का रोल दिए जाने पर आपत्ति जताई?

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क्या महंत स्वामी नारायण दास ने रामलीला में पूनम पांडे को ‘मंदोदरी’ का रोल दिए जाने पर आपत्ति जताई?

सारांश

दिल्ली में लव कुश रामलीला में पूनम पांडे को मंदोदरी का किरदार दिए जाने पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। महंत स्वामी नारायण दास और अन्य धार्मिक नेता इस पर कड़ी आपत्ति जता रहे हैं। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे के तर्क।

Key Takeaways

  • पूनम पांडे को मंदोदरी का किरदार दिया गया है।
  • महंत स्वामी नारायण दास ने इस पर आपत्ति जताई है।
  • रामलीला का मंचन 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक होगा।
  • भाजपा विधायक ने पूनम का समर्थन किया है।
  • यह विवाद धार्मिक भावनाओं को भड़का रहा है।

ऋषिकेश, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में आयोजित होने वाली लव कुश रामलीला में अभिनेत्री पूनम पांडे के मंदोदरी की भूमिका निभाने की घोषणा के साथ ही एक विवाद उत्पन्न हो गया है। कई लोग इस निर्णय के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

श्री भरत मिलाप आश्रम के महंत स्वामी नारायण दास ने राष्ट्र प्रेस से कहा, “रामलीला समिति ने पूनम पांडे को मंदोदरी का जो रोल दिया है, उसके लिए समिति को उनकी भाषा, विचार और पहनावे का मूल्यांकन करना चाहिए। सनातन धर्म में मंदोदरी को सतियों में गिना गया है। जो मंदोदरी का किरदार निभा रहा है, उसमें कुछ तो सांस्कृतिक गुण होने चाहिए। अभद्र भाषा और वेशभूषा का उपयोग नहीं होना चाहिए। अगर इन सबका ध्यान नहीं रखा जा रहा है, तो यह उचित नहीं है। निश्चित रूप से यह निर्णय हमारी धार्मिक भावनाओं को ही नहीं, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति को धूमिल करने वाला है। सनातन धर्म के सांस्कृतिक मूल्यों की अवहेलना करना किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं है। इसलिए, जब भी कोई धार्मिक कार्य किया जाए, तो संदर्भित व्यक्ति से बात की जानी चाहिए। इसको कैसे किया जाए, इसका मंचन कैसे किया जाना चाहिए, इसके लिए साधु संतों और महापुरुषों से राय लेनी चाहिए।”

उन्होंने रामानंद सागर का उदाहरण देते हुए बताया कि जब उन्होंने ‘रामायण’ सीरियल बनाया तो पात्रों को इस तरह से चुना कि कोई विवाद नहीं हुआ।

इसी बीच, बड़ा उदासीन अखाड़ा के महामंडलेश्वर हरि चेतनानंद ने राष्ट्र प्रेस से कहा, “मंदोदरी का चरित्र अत्यंत पवित्र है। हमारे यहां पंच कन्याओं में अहिल्या, कुंती, द्रौपदी, मंदोदरी और तारा को स्मरण किया जाता है। यदि इन्हें अभिनय करना है तो अपने क्षेत्र में करें, यह सर्वथा अनुचित है। आज ये मंदोदरी का अभिनय कर रही हैं, बाद में सीता और सावित्री का भी करेंगी। इससे हमारे समाज पर क्या असर पड़ेगा? हम विश्व हिंदू परिषद का पूरा समर्थन करते हैं, ऐसा हमारे यहां नहीं होना चाहिए।”

वहीं, भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने पूनम पांडे का समर्थन किया है। नेगी ने कहा कि यदि पूनम पांडे मंदोदरी की भूमिका निभाती हैं, तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। राष्ट्र प्रेस से बातचीत में रविंद्र सिंह नेगी ने कहा कि अभिनेता और अभिनेत्रियां अपने किरदार निभाते हैं। उनका असली काम अभिनय करना है। अगर कोई कलाकार किसी विशेष किरदार को निभा रहा है, तो मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई दिक्कत है।”

लाल किला मैदान में आयोजित लव कुश रामलीला का भव्य मंचन 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक होगा और 2 अक्टूबर को दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।

Point of View

बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक मूल्यों पर भी सवाल उठाता है। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि कला और संस्कृति का सम्मान कैसे किया जाए। सभी पक्षों की राय सुनना जरूरी है ताकि हम एक संतुलित दृष्टिकोण रख सकें।
NationPress
20/09/2025

Frequently Asked Questions

पूनम पांडे को मंदोदरी का किरदार देने पर विवाद क्यों है?
महंत स्वामी नारायण दास और अन्य धार्मिक नेताओं का मानना है कि इस किरदार को निभाने के लिए पूनम पांडे के चरित्र का मूल्यांकन होना चाहिए।
रामलीला का मंचन कब होगा?
लव कुश रामलीला का भव्य मंचन 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक होगा।
क्या भाजपा विधायक ने पूनम का समर्थन किया है?
हाँ, भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने पूनम पांडे का समर्थन किया है।