क्या महाराष्ट्र में भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया?

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क्या महाराष्ट्र में भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया?

सारांश

महाराष्ट्र में हो रही अत्यधिक बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पिछले 5 दिनों में 21 लोगों की मौत हुई है। जानें, बारिश के कारण राज्य में क्या हालात बने हैं।

Key Takeaways

  • महाराष्ट्र में भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है।
  • 15 से 19 अगस्त के बीच 21 लोगों की मौत हुई है।
  • प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।
  • बाढ़ की स्थिति में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है।
  • लोगों को अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

मुंबई, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में हाल के दिनों से हो रही भीषण बारिश का संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस दौरान राज्य के विभिन्न जिलों से दुर्घटनाओं और घटनाओं की परेशान करने वाली खबरें सामने आ रही हैं। 15 अगस्त से 19 अगस्त तक के 5 दिनों में बारिश से संबंधित घटनाओं में 21 लोगों की जान गई है, जबकि 10 लोग घायल हुए हैं। इसके अतिरिक्त 11 पशुओं की भी मृत्यु हुई है।

जिलावार विवरण के अनुसार, नांदेड में 7 लोगों की जान गई। मुंबई उपनगर और यवतमाल में दो-दो लोगों की मृत्यु हुई। इसके अलावा नागपुर, वाशिम, बुलढाणा, अमरावती, भंडारा, अकोला, बीड, मुंबई सिटी, रायगढ़ और सिंधुदुर्ग में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई।

लगभग 5 दिनों से महाराष्ट्र के सभी हिस्सों में बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। भारी जलभराव, यातायात अवरोध और लोगों के घरों में पानी घुसने की घटनाएं स्थितियों को और भी गंभीर बना रही हैं। इस बीच, मुंबई मोनोरेल सेवा भी बाधित हुई थी, जिसे अब फिर से बहाल कर दिया गया है। ठाणे जिले के भिवंडी शहर में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने स्थिति को और भी खराब कर दिया है। 18 अगस्त को 147 मिमी और 19 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक 126 मिमी बारिश दर्ज की गई। सबसे गंभीर स्थिति खडिपार इलाके में देखने को मिली, जहां घरों के अंदर तक पानी पहुंच गया।

इसके अलावा, मीरा-भायंदर और वसई-विरार में भी बारिश ने बुरा हाल किया है। पुलिस आयुक्तालय के अंतर्गत आने वाले तुलिंज पुलिस स्टेशन में भारी बारिश के कारण पानी कार्यालय तक पहुंच गया। नालासोपारा के अन्य क्षेत्रों में भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है।

राज्य में निरंतर बारिश के कारण पालघर जिले की नदियों और बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सूर्या परियोजना के धामणी और कवडास बांधों से सूर्या नदी में 17,000 क्यूसेक पानी का विसर्जन शुरू हो गया है। साथ ही, मुंबई को पानी सप्लाई करने वाले मध्य वैतरणा, तानसा और मोडकसागर बांधों से भी पानी छोड़ा जा रहा है।

प्रशासन ने नदी किनारे के गांवों को सतर्क रहने का अलर्ट जारी किया है। एहतियात के तौर पर जिले के सभी स्कूल और कॉलेज

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य में हो रही भारी बारिश को लेकर जनता से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने बताया कि सरकार लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं, सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है और पुलिस अलर्ट पर है। उन्होंने यह भी बताया कि चेंबूर में मोनोरेल रेस्क्यू के तहत लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। उपमुख्यमंत्री ने जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने की भी अपील की है।

Point of View

लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दिए जाने की आवश्यकता है। यह समय है जब हम सभी को एकजुट होकर इस संकट का सामना करना चाहिए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

मaharashtra में बारिश से कितने लोग प्रभावित हुए हैं?
पिछले 5 दिनों में बारिश से संबंधित घटनाओं में 21 लोग मारे गए हैं और 10 लोग घायल हुए हैं।
क्या प्रशासन ने कोई उपाय किए हैं?
हां, प्रशासन ने नदी किनारे के गांवों को सतर्क रहने का अलर्ट जारी किया है और सभी स्कूलों को छुट्टी दी है।
क्या बारिश के कारण मोनोरेल सेवा बाधित हुई थी?
हां, बारिश के कारण मुंबई मोनोरेल सेवा बाधित हुई थी, लेकिन अब इसे फिर से बहाल कर दिया गया है।