क्या महाराष्ट्र में मीठी नदी सफाई घोटाले में ईडी की कार्रवाई हुई है? 47 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त

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क्या महाराष्ट्र में मीठी नदी सफाई घोटाले में ईडी की कार्रवाई हुई है? 47 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त

सारांश

हाल ही में, प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र में मीठी नदी सफाई घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कार्रवाई की है। 47 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है, जो कि इस मामले में एक बड़ी उपलब्धि है। जानें इस घोटाले का पूरा विवरण और ईडी की जांच की दिशा।

Key Takeaways

  • ईडी ने 47 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की।
  • मीठी नदी सफाई घोटाले में 13 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज।
  • बीएमसी के ठेकेदारों ने झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किए।
  • जांच में और खुलासे होने की संभावना।
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता।

मुंबई, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मुंबई जोनल कार्यालय ने मीठी नदी की सफाई घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 31 जुलाई को मुंबई के 8 स्थानों पर छापे मारे। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत की गई। ईडी की टीम ने ये छापेमारी बीएमसी के ठेकेदारों और एक इंजीनियर के स्थानों पर की। इस कार्रवाई में 47 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति को फ्रीज किया गया है।

जिन ठेकेदारों और कंपनियों पर छापेमारी की गई, उनमें एक्यूट डिजाइन्स, कैलाश कंस्ट्रक्शन कंपनी, निखिल कंस्ट्रक्शन कंपनी, एन. ए. कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और जे.आर.एस इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। साथ ही, बीएमसी के इंजीनियर प्रशांत कृष्ण तायशेते के ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई।

अलग-अलग बैंक खातों, एफडीआर और डिमैट खातों में 47 करोड़ रुपए से अधिक की राशि फ्रीज की गई। डिजिटल उपकरण, ज़मीन से संबंधित दस्तावेज और कई कागजात जब्त किए गए हैं। इस घोटाले की जांच आजाद मैदान पुलिस स्टेशन, मुंबई में दर्ज एफआईआर नंबर 0075/2025 (तारीख 6 मई 2025) के आधार पर शुरू हुई थी।

एफआईआर में 13 व्यक्तियों और कंपनियों पर भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि इन लोगों ने बीएमसी को 65 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान पहुँचाया। जांच में यह सामने आया है कि बीएमसी के ठेकेदारों ने झूठे दस्तावेज, जैसे कि जमीन मालिकों के फर्जी समझौते (एमओयू) और ग्राम पंचायतों से फर्जी एनओसी, जमा किए थे। यह दस्तावेज उस जमीन के लिए दिए गए थे, जहाँ पर मलबा (सिल्ट) डंप किया गया था।

इसके अलावा, बीएमसी के स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज (एसडब्ल्यूसी) विभाग के अधिकारियों पर भी आरोप हैं कि उन्होंने सिल्ट पुशर और मल्टीपर्पस एम्फीबियस पोंटून मशीनों की खरीद और उपयोग में गड़बड़ियां की। ये मशीनें 2021-2022 में टेंडर के जरिए खरीदी गई थीं।

ईडी ने इसी मामले में 6 जून को 18 ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। अब तक इस केस में ईडी की ओर से कुल 49.8 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति जब्त या फ्रीज की जा चुकी है। जांच अभी भी जारी है और अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में और भी खुलासे हो सकते हैं।

Point of View

NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

ईडी की कार्रवाई का कारण क्या था?
ईडी की कार्रवाई मीठी नदी सफाई घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते हुई थी।
इस घोटाले में कितनी संपत्ति जब्त की गई है?
इस घोटाले में 47 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है।
कौन-कौन से ठेकेदारों पर कार्रवाई की गई?
एक्यूट डिजाइन्स, कैलाश कंस्ट्रक्शन, निखिल कंस्ट्रक्शन, एन. ए. कंस्ट्रक्शन और जे.आर.एस इंफ्रास्ट्रक्चर पर कार्रवाई की गई।
क्या बीएमसी के अधिकारियों पर भी आरोप लगे हैं?
हाँ, बीएमसी के अधिकारियों पर भी सिल्ट पुशर और मल्टीपर्पस मशीनों की खरीद में गड़बड़ी के आरोप हैं।
जांच का आधार क्या है?
जांच आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर की जा रही है।