क्या महर्षि वाल्मीकि के आदर्श विचारों का हमारे समाज और परिवार पर गहरा प्रभाव है?: पीएम मोदी

सारांश
Key Takeaways
- महर्षि वाल्मीकि का योगदान भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण है।
- उनकी रचना रामायण समरसता और मानवता का संदेश देती है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने उनके विचारों को समाज में प्रासंगिक बताया।
- महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।
- उनके विचारों का प्रभाव हमारे परिवार और समाज पर महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों को दिल से शुभकामनाएं दी।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “सभी देशवासियों को महर्षि वाल्मीकि जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। प्राचीनकाल से ही हमारे समाज और परिवार पर उनके सात्विक और आदर्श विचारों का गहरा प्रभाव रहा है। सामाजिक समरसता पर आधारित उनके वैचारिक प्रकाशपुंज देशवासियों को सदैव आलोकित करते रहेंगे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने एक 1 मिनट 21 सेकंड का वीडियो साझा करते हुए कहा कि 7 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि की जयंती है। हम सभी जानते हैं कि महर्षि वाल्मीकि भारतीय संस्कृति के एक मजबूत आधार हैं। उन्होंने हमें भगवान राम की अवतार कथाओं को विस्तार से प्रचारित किया। महर्षि वाल्मीकि ने मानवता को रामायण जैसा ग्रंथ प्रदान किया। रामायण का यह प्रवाह भगवान राम के आदर्शों और मूल्यों से परिपूर्ण है। भगवान राम ने सेवा, समरसता और करुणा के साथ सभी को गले लगाया। यही कारण है कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में माता शबरी और निषाद राज जैसे पात्रों के साथ भगवान राम की कथा पूर्ण होती है। जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ, तब महर्षि वाल्मीकि और निषाद राज के मंदिर भी बनाए गए।
पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा, “मेरा आग्रह है कि जब आप अयोध्या में रामलला के दर्शन करने जाएं, तो महर्षि वाल्मीकि और निषाद राज के मंदिरों के दर्शन अवश्य करें।”
महर्षि वाल्मीकि जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “रामायण के रचनाकार, आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर नमन। महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के जीवन आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। आपकी कालजयी रचना सदैव मानवता, मर्यादा और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती रहेगी।”
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक्स पोस्ट में लिखा, “महाकाव्य रामायण के रचयिता, आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। उनकी दिव्य शिक्षाएं एवं आदर्श जीवन मूल्य समाज में सदैव न्याय, सद्भाव और मानवता के उत्थान का मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे।”