क्या आपदा के बीच सीएम का दौरा राहत या प्रचार है?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री का दौरा आपदा के समय महत्वपूर्ण है।
- आपदा प्रभावित लोगों को तत्काल मदद की आवश्यकता है।
- राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप स्थिति को और जटिल बनाते हैं।
बर्धमान, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को उत्तर बंगाल के प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और वर्तमान राहत एवं पुनर्वास कार्यों का निरीक्षण किया। इस महीने की शुरुआत में आई भारी बारिश के कारण उत्तरी जिलों में बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम 32 लोगों की जान चली गई थी और हजारों लोग बेघर हो गए।
मुख्यमंत्री के इस दौरे पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने कहा, "वह क्यों आईं? जब उत्तर बंगाल के लोग बाढ़ और भूस्खलन की त्रासदी झेल रहे थे, तब वह कोलकाता में थीं। अब वह दार्जिलिंग समेत पहाड़ों में तृणमूल के झंडे गाड़ने जा रही हैं। क्या यह प्रचार का अवसर है?"
मोहम्मद सलीम ने यह भी आरोप लगाया कि आपदा प्रभावित लोगों को पुनर्वास और जमीन की जरूरत है, लेकिन सरकार कॉर्पोरेट्स को जमीन सौंप रही है और तृणमूल के नेता इसका दुरुपयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "वहां के लोग कैसे लाठी-जूते लेकर दौड़ रहे हैं। लोग पुनर्वास चाहते हैं, जमीन चाहते हैं। जिनके घर हटाए जा रहे हैं, उन्हें थोड़ी सी मिट्टी और सिर पर छत चाहिए। इसके बदले में वो क्या कर रही हैं? वो कॉर्पोरेट्स को जमीन दे रही हैं। तृणमूल के ताकतवर नेता उस जमीन को लूट रहे हैं। आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वहां दिखावा करने जा रही हैं।"
मोहम्मद सलीम ने ममता बनर्जी के हालिया बयान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "हमारे समय में पश्चिम बंगाल में महिलाएं सबसे सुरक्षित थीं, लेकिन अब तृणमूल के शासन में तालिबानी राज जैसी स्थिति है। जब कोई घटना होती है, तो पीड़ित महिलाओं पर ही सवाल उठाए जाते हैं कि वे कैसे कपड़े पहनती हैं, किसके साथ जाती हैं। बाहर से पढ़ाई के लिए आने वाली छात्राएं भी सुरक्षित नहीं हैं।"
मुख्यमंत्री ने अपने दौरे के दौरान राहत कार्यों की प्रगति पर संतोष जताया और कहा कि सरकार प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित घरों के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए की सहायता और राहत कार्यों में शामिल कर्मियों को पुरस्कार देने की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि और प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को होमगार्ड की नौकरी देने की अपनी पूर्व घोषणा को दोहराया।