क्या मलासन वॉक से पेट की समस्याएं दूर हो सकती हैं?

सारांश
Key Takeaways
- मलासन से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है।
- यह मानसिक तनाव को कम करता है।
- कब्ज और गैस की समस्याओं में राहत मिलती है।
- यह कूल्हों और टखनों को लचीला बनाता है।
- प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी यह लाभकारी है।
नई दिल्ली, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कहा जाता है ‘पेट साफ है तो हर रोग दूर है’, लेकिन यदि पेट साफ नहीं रहेगा, तो शरीर में बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में सही खान-पान के साथ-साथ योग और प्राणायाम स्वास्थ्य के लिए वरदान सिद्ध हो सकते हैं। इनमें से एक है मलासन वॉक, जिसे गारलैंड पोज भी कहा जाता है। यह योगासन न केवल पेट को साफ रखता है, बल्कि सम्पूर्ण शरीर को तंदुरुस्त बनाने में भी मदद करता है। खास बात यह है कि रोजाना कुछ मिनट मलासन का अभ्यास करने से कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, मलासन एक सरल और प्रभावी व्यायाम है। इसे सुबह कुछ मिनटों के लिए करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और शरीर के लचीलेपन को भी बढ़ाता है, साथ ही मानसिक शांति के लिए भी यह बेहतरीन है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के मुताबिक, मलासन एक योगासन है, जिसमें स्क्वाट की मुद्रा में बैठते हैं। इसे करने के लिए पैरों को कंधों की चौड़ाई के समान फैलाना चाहिए और फिर धीरे-धीरे स्क्वाट करना चाहिए। मलासन पोज में छोटे-छोटे कदम चलते हैं। यह सुबह के समय खाली पेट करने के लिए सबसे अच्छा आसन है, क्योंकि यह पाचन तंत्र को सक्रिय करता है।
मलासन करने के कई फायदे हैं। यह पेट की मांसपेशियों पर दबाव डालता है, जिससे कब्ज, गैस और अपच दूर होती है। यह आंतों को सक्रिय करता है और मल त्याग को आसान बनाता है। इसके अलावा, यह कूल्हों और टखनों को लचीला बनाता है और जोड़ों के दर्द को कम करता है। मलासन वॉक रीढ़ और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे पीठ दर्द में राहत मिलती है। यह आसन शरीर और दिमाग को शांत करता है, जिससे मानसिक तनाव और चिंता में कमी आती है। प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी मलासन लाभकारी है, यह पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे प्रसव को आसान बनाया जा सकता है।
हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट मलासन करने से पहले कुछ सावधानियों का पालन करने की सलाह देते हैं। मलासन करते समय घुटनों या पीठ में दर्द अनुभव होने पर जबरदस्ती न करें। यदि आपको घुटनों या कूल्हों की सर्जरी हुई है, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें। शुरुआत में कम समय करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। इसे करते समय गलत मुद्रा से बचें, रीढ़ को सीधा रखें और सांस लेते रहें। इसके अलावा, प्रेग्नेंट महिलाओं को योग प्रशिक्षक की देखरेख में मलासन करना चाहिए।