क्या मालेगांव विस्फोट मामले में सच्चाई की जीत हुई है? : राजेश गुप्ता

सारांश
Key Takeaways
- मालेगांव विस्फोट मामले में सभी 7 आरोपियों को बरी किया गया है।
- राजेश गुप्ता ने इसे सत्य की विजय बताया है।
- कांग्रेस सरकार पर आरोप है कि उन्होंने निर्दोष लोगों को बलि का बकरा बनाया।
- भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने इसे झूठा आरोप बताया है।
- मामले की जांच अब असली दोषियों की ओर बढ़नी चाहिए।
जम्मू, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मालेगांव विस्फोट मामले में न्यायालय द्वारा सभी 7 आरोपियों को बरी करने पर विश्व हिंदू परिषद जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि न्यायालय का यह निर्णय सत्य की विजय है।
साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित और उनके साथ सात निर्दोष व्यक्तियों को कांग्रेस सरकार ने बलि का बकरा बनाने का प्रयास किया। मालेगांव ब्लास्ट में हिंदू समाज को बदनाम करने की एक साजिश के तहत भारतीय संस्कृति और देश के हिंदू समाज को 'भगवा आतंकवाद' का नाम दिया गया। इस साजिश का उद्देश्य असली आरोपियों को बचाना था। साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित जैसे लोगों को इसमें झूठा आरोपी बनाया गया। 17 वर्षों तक निरंतर प्रताड़ित किया गया। अब न्याय की जीत हुई है।
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने उन सातों आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया है। इन पर झूठा आरोप लगाने वालों को बेनकाब करना आवश्यक है। राजेश गुप्ता ने कहा कि षड्यंत्रकारियों ने मालेगांव में विस्फोट किए और बेकसूर लोगों की जानें लीं। उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। अब जांच उन पर होनी चाहिए और यह अल्पावधि में होनी चाहिए।
मालेगांव विस्फोट मामले में भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि यह एफआईआर झूठ के आधार पर दर्ज की गई थी। भारतीय संस्कृति, भारतीय दर्शन, हिंदू धर्म और सनातन परंपरा को बदनाम करने के लिए 'भगवा आतंकवाद' जैसा शब्द गढ़ा गया। एक संत और भारतीय संस्कृति का अनुयायी कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। आज न्यायालय के निर्णय से सच्चाई की विजय हुई है।