क्या ममता बनर्जी ने बंगाली नेताओं को दरकिनार कर गैर-बंगालियों को सांसद बनाया?

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क्या ममता बनर्जी ने बंगाली नेताओं को दरकिनार कर गैर-बंगालियों को सांसद बनाया?

सारांश

पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है कि वे बंगालियों को दरकिनार कर बाहरी नेताओं को महत्व दे रही हैं। इस मुद्दे पर उनके द्वारा दिए गए बयान ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • ममता बनर्जी पर बंगालियों को दरकिनार करने का आरोप।
  • गैर-बंगालियों को सांसद बनाने का मुद्दा।
  • राजनीतिक विवादों के पीछे वोट बैंक की राजनीति।
  • बंगाली सांसदों की संख्या में कमी।
  • राज्य में राजनीतिक हलचल।

मुर्शिदाबाद, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बंगाली और गैर-बंगाली के मुद्दे को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी तृणमूल से बंगालियों को बाहर निकाल रही हैं और बाहरी लोगों को राज्य का नेता बना रही हैं।

मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए सुकांत मजूमदार ने कहा, "भारतीय नागरिक भारत में रहेंगे और जो भारतीय नागरिक नहीं हैं, उन्हें यहां से जाना होगा। लेकिन, ममता बनर्जी इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही हैं। विडंबना यह है कि उन्होंने खुद टीएमसी में बंगाली नेतृत्व को दरकिनार कर दिया है।"

उन्होंने आगे कहा, "ममता बनर्जी तृणमूल से बंगालियों को बाहर निकाल रही हैं और बाहर से आए लोगों को इस राज्य का नेता बना रही हैं। वह उन्हें संसद में भेज रही हैं। मैं कुछ नाम बताना चाहता हूं, जिनमें हिंदी बोलने वाले यूसुफ पठान, शत्रुघ्न सिन्हा, महाराष्ट्र से आए साकेत गोखले और असम से आई सुष्मिता देव को राज्यसभा और लोकसभा में भेजा गया है। क्या वे बंगाली बोल सकते हैं? नहीं, वे निश्चित रूप से नहीं बोल सकते। यूसुफ पठान बंगाली नहीं बोल सकते। ममता बनर्जी बंगालियों के पेट पर लात मार रही हैं और वह वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं।"

बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर के घर पर हुए हमले का जिक्र करते हुए सुकांत मजूमदार ने कहा, "क्या ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर के घर को गिराए जाने के बारे में कुछ कहा है? बंगाली और गैर-बंगाली ममता बनर्जी के लिए कोई मुद्दा नहीं हैं। वह खुद बंगाली महिलाओं के साथ बेईमानी कर रही हैं। उन्होंने गैर-बंगालियों को ही यहां से सांसद बना दिया। अगर वे यहां से युसूफ पठान को टिकट नहीं देकर किसी बंगाली को टिकट देतीं तो वही सांसद बनता। बंगाली सांसदों की संख्या घट गई। भाजपा ने ऐसा नहीं किया, लेकिन ममता बनर्जी ने बंगाली सांसदों की संख्या को घटाया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक विवादों का उपयोग अक्सर वोट बैंक की राजनीति के लिए किया जाता है। ममता बनर्जी और भाजपा दोनों के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण अंतर हैं, लेकिन अंततः, यह बंगाल के लोगों के हित में होना चाहिए।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर किस मुद्दे को लेकर हमला बोला?
सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वे बंगालियों को दरकिनार कर गैर-बंगालियों को सांसद बना रही हैं।
बंगाल में राजनीतिक स्थिति के बारे में क्या कहा गया?
सुकांत मजूमदार का कहना है कि ममता बनर्जी ने टीएमसी में बंगाली नेतृत्व को दरकिनार कर दिया है।