क्या मुख्यमंत्री बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर दार्जिलिंग में वार्ताकार के कामकाज का विरोध किया?

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क्या मुख्यमंत्री बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर दार्जिलिंग में वार्ताकार के कामकाज का विरोध किया?

सारांश

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर दार्जिलिंग में गोरखाओं से जुड़े मुद्दों पर वार्ताकार की नियुक्ति का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह कदम असंवैधानिक है और इसे रद्द करने की मांग की है। जानिए इस पत्र में उन्होंने क्या कहा है।

Key Takeaways

  • मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम से वार्ताकार की नियुक्ति रद्द करने की मांग की।
  • गोरखा प्रादेशिक प्रशासन अधिनियम, 2011 का हवाला दिया गया।
  • पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र के हस्तक्षेप को असंवैधानिक बताया।

कोलकाता, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग हिल्स में गोरखाओं से जुड़े मुद्दों पर 'वार्ताकार' की नियुक्ति का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। उन्होंने इसे असंवैधानिक करार देते हुए इस नियुक्ति को रद्द करने की मांग की।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत वार्ताकार कार्यालय ने बिना किसी पूर्व सूचना के काम शुरू कर दिया है। यह स्थिति वास्तव में चौंकाने वाली है।

प्रधानमंत्री मोदी को भेजे गए पत्र में ममता बनर्जी ने उल्लेख किया, "कृपया मेरे 18 अक्टूबर के पत्र का संदर्भ लें, जिसमें मैंने आपसे दार्जिलिंग हिल्स में गोरखाओं से संबंधित मुद्दों के लिए एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी की वार्ताकार के रूप में नियुक्ति पर पुनर्विचार करने और उसे रद्द करने का अनुरोध किया था। आपके कार्यालय ने इस पर तुरंत ध्यान दिया था और गृह मंत्री को विचार करने का सुझाव दिया था। यह चिंता का विषय है कि मेरे पत्र के उत्तर में बिना किसी सूचना के गृह मंत्रालय ने 10 नवंबर के ज्ञापन के माध्यम से सूचित किया कि कार्यालय ने कार्य करना शुरू कर दिया है।"

ममता बनर्जी ने गोरखा प्रादेशिक प्रशासन अधिनियम, 2011 का हवाला देते हुए कहा कि यह कानून दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और कुर्सियांग उप-मंडलों में स्वशासन सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था। इसे स्पष्ट रूप से पश्चिम बंगाल राज्य सरकार के रूप में परिभाषित किया गया है। इसलिए केंद्र सरकार के पास इन क्षेत्रों से संबंधित मामलों में किसी प्रतिनिधि या मध्यस्थ की नियुक्ति करने का कोई अधिकार नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार इस असंवैधानिक, मनमाने और राजनीतिक रूप से रंगे हस्तक्षेप को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करती है और इसका कड़ा विरोध करती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के कृत्य न केवल संवैधानिक संघीय ढांचे को कमजोर करते हैं, बल्कि हमारी लोकतांत्रिक राजनीति को परिभाषित करने वाली एकता और आपसी सम्मान की भावना को भी नष्ट करते हैं।

अंततः ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने और आदेश को रद्द करने की अपील की।

Point of View

NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को क्या पत्र लिखा?
उन्होंने दार्जिलिंग में गोरखाओं से जुड़े मुद्दों पर वार्ताकार की असंवैधानिक नियुक्ति का विरोध किया।
क्या ममता बनर्जी ने किसी कानून का हवाला दिया?
हाँ, उन्होंने गोरखा प्रादेशिक प्रशासन अधिनियम, 2011 का संदर्भ दिया।
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