क्या मंडी जिले में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है?

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क्या मंडी जिले में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है?

सारांश

मंडी जिले में मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। करसोग और धर्मपुर उपमंडल में बादल फटने और फ्लैश फ्लड के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई है और गोहर में सात लोग लापता हैं। जानिए पूरी खबर में और क्या कुछ हुआ है।

Key Takeaways

  • मंडी जिले में मूसलाधार बारिश से तबाही
  • करसोग में एक व्यक्ति की मौत
  • गोहर में सात लोग लापता
  • प्रशासन ने राहत कार्य तेज किया
  • पंडोह डैम का जलस्तर बढ़ा

मंडी, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने तबाही मचाई है। करसोग और धर्मपुर उपमंडल में बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं ने भारी नुकसान किया है। गोहर और सदर उपमंडल में भी भूस्खलन और जलभराव की कई घटनाएं सामने आई हैं। करसोग में फ्लैश फ्लड की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि गोहर में सात लोग लापता बताए जा रहे हैं।

करसोग के पुराना बाजार (पंजराट), कुट्टी, बरल, ममेल और भ्याल क्षेत्रों में फ्लैश फ्लड के कारण कई गाड़ियां बह गईं और घरों को नुकसान पहुंचा। इस आपदा में एक व्यक्ति की मौत हो गई। करसोग के डीएसपी तरनजीत सिंह के अनुसार, राहत और बचाव कार्य जारी है और 25 से अधिक लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है।

गोहर उपमंडल में एक मकान बह गया। हादसे में मां-बेटी को बचा लिया गया, लेकिन सात लोग अब भी लापता हैं। इनकी पहचान बागा गांव निवासी पदम सिंह (75), देवकू देवी (70), झाबे राम (50), पार्वती देवी (47), सुरमि देवी (70), इंद्र देव (29), उमावती (27), कनिका (9) और गौतम (7) के रूप में हुई है।

धर्मपुर के मंडप तहसील के सुंदल गांव के पास फ्लैश फ्लड से काफल भवानी माता मंदिर से आने वाला नाला उफान पर आया। यहां अभी किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। हालांकि धर्मपुर की लौंगनी पंचायत के सयाठी गांव में भूस्खलन से एक मकान और कई गौशालाएं जमींदोज हो गईं। हादसे में मवेशियों और खच्चरों के हताहत होने की सूचना है।

जिले में भारी बारिश के कारण पंडोह डैम का जलस्तर तेजी से बढ़कर 2922 फीट तक पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 2941 फीट पर है। जलस्तर को नियंत्रित रखने के लिए डैम से ब्यास नदी में डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे ब्यास नदी पूरे उफान पर है और मंडी शहर में पंचवक्त्र मंदिर तक पानी पहुंच गया। शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया है। यहां सभी छोटे-बड़े नदी-नाले उफान पर हैं। भारी बारिश के चलते पूरा जनजीवन अस्तव्यस्त है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों के आसपास न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

भारी बारिश के कारण मंडी शहर के पंडोह बाजार में जलभराव हो गया, जहां लोगों को रात में रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। रघुनाथ का पधर से सभी बीती रात को प्रशासन की ओर से 12 लोगों को रेस्क्यू किया गया। शहर के पैलेस कॉलोनी वार्ड में भी बारिश ने तबाही मचाई, यहां जेल रोड इलाके में कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा। मंडी कोटली सड़क पर जगह-जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं, जिसमें कई घरों और गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। बाड़ी गुमाणू सड़क पर भारी लैंडस्लाइड हुआ, जिससे यह संपर्क मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है।

पंडोह के पास पटीकरी पावर प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा है। बाखली और कुकलाह पुल टूट जाने से कई क्षेत्रों का संपर्क टूट गया है। वहीं, चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर यातायात पूरी तरह बंद है।

जिले में हो रही लगातार बारिश और संभावित खतरे को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थानों को एहतियातन बंद कर दिया गया है। राहत और बचाव टीमें अलर्ट मोड पर हैं।

Point of View

मंडी जिले में हालिया प्राकृतिक आपदाएँ हमारे नागरिकों की सुरक्षा और प्रशासन की तत्परता का परीक्षण करती हैं। यह आवश्यक है कि सरकार तत्काल राहत कार्यों में सक्षमता बनाए रखे और प्रभावित क्षेत्रों में जीवन को सामान्य करने के लिए योजनाएं बनाएं।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

मंडी जिले में हाल ही में क्या हुआ?
मंडी जिले में मूसलाधार बारिश के कारण बादल फटा, जिससे फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और सात लोग लापता हैं।
लापता लोगों की पहचान क्या है?
लापता लोगों में बागा गांव के पदम सिंह (75), देवकू देवी (70), और अन्य शामिल हैं।
प्रशासन ने राहत के लिए क्या कदम उठाए हैं?
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है और कई लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है।
क्या स्कूलों को बंद किया गया है?
हां, जिले में लगातार बारिश के कारण सभी शैक्षणिक संस्थानों को एहतियातन बंद कर दिया गया है।
पंडोह डैम की स्थिति क्या है?
पंडोह डैम का जलस्तर तेजी से बढ़कर 2922 फीट तक पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 2941 फीट पर है।