क्या मणिपुर में बम धमकी के चलते इंफाल के सभी पेट्रोल पंप बंद हैं?
सारांश
Key Takeaways
- इंफाल में पेट्रोल पंप बंद होने से ईंधन संकट उत्पन्न हुआ है।
- सुरक्षा चिंताओं के कारण पंप मालिकों ने यह कदम उठाया है।
- पेट्रोलियम डीलर्स ने प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
इंफाल, १३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर की राजधानी इंफाल और उसके आस-पास के क्षेत्र में शनिवार को सभी पेट्रोल पंप बंद रहे, जिसके कारण आम जनता और रोजाना यात्रा करने वाले यात्रियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। पेट्रोल पंप के मालिकों ने हाल ही में प्राप्त बम धमकी के खिलाफ यह कदम उठाया। इस निर्णय के परिणामस्वरूप शहर में ईंधन संकट उत्पन्न हो गया और कई लोगों ने मजबूरी में ऊंचे दामों पर पेट्रोल-डीजल खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, पिछले दो दिनों से तेल विपणन केंद्र बंद हैं। यह स्थिति मणिपुर के राष्ट्रपति दौरे के संदर्भ में कोऑर्डिनेशन कमेटी (कोरकॉम) द्वारा दिए गए बहिष्कार के आह्वान के बाद और गंभीर होती गई। हालाँकि, पेट्रोल पंप के मालिकों का कहना है कि उनका विरोध मुख्य रूप से सुरक्षा चिंताओं से संबंधित है, जो हाल की धमकी के बाद और बढ़ गई हैं।
यह विरोध ६ दिसंबर को हुई उस गंभीर घटना के बाद शुरू हुआ, जब इंफाल पूर्व जिले के कोईरेंगी क्षेत्र में स्थित एम/एस इबुधौ पाखंगबा फिलिंग स्टेशन के शौचालय में एक हैंड ग्रेनेड बरामद हुआ। बताया गया कि विस्फोटक के साथ एक पत्र भी मिला था, जिसमें एक विशेष समूह की मांगें पूरी न होने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। इस घटना ने पेट्रोल पंप के संचालकों और कर्मचारियों में भय और असुरक्षा की भावना को और गहरा कर दिया। घटना के बाद मणिपुर पेट्रोलियम डीलर्स फ्रेटरनिटी ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया और राज्य सरकार से पेट्रोल पंपों की सुरक्षा को लेकर तत्काल कदम उठाने की मांग की। डीलर्स का कहना है कि ऐसी घटनाएँ उनके व्यवसाय को प्रभावित कर रही हैं और कर्मचारियों और ग्राहकों की जान को भी खतरे में डाल रही हैं।
शनिवार को फ्रेटरनिटी ने मणिपुर के राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें पेट्रोलियम आउटलेट्स के लिए कड़े सुरक्षा इंतज़ाम सुनिश्चित करने और इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग की गई। ज्ञापन में कहा गया कि हालिया बम धमकी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता है। डीलर्स फ्रेटरनिटी ने इस घटना को अत्यंत गंभीर करार देते हुए बताया कि पेट्रोल पंपों के कर्मचारी लंबे समय से धमकियों, अपहरण के प्रयासों और जबरन वसूली जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी परिस्थितियों में व्यवसाय चलाना बेहद कठिन हो गया है और यदि सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो भविष्य में स्थिति और बिगड़ सकती है।
सार्वजनिक सुरक्षा पर जोर देते हुए फ्रेटरनिटी ने प्रशासन से विशेष रूप से व्यावसायिक क्षेत्रों के आसपास प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था तैनात करने की अपील की। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्यपाल इस गंभीर मुद्दे को प्राथमिकता देंगे और जल्द ही कोई सकारात्मक एवं सौहार्दपूर्ण समाधान निकाला जाएगा, ताकि पेट्रोल पंपों का संचालन फिर से सामान्य हो सके और आम जनता को राहत मिल सके।