क्या प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई में कन्नड़ सिखाने वाले परिवारों की सराहना की?

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क्या प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई में कन्नड़ सिखाने वाले परिवारों की सराहना की?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में कन्नड़ भाषा सिखाने वाले परिवारों की सराहना की है। यह पहल एक हजार से अधिक बच्चों को कन्नड़ भाषा से जोड़ने में मदद कर रही है। जानिए इस पहल की खास बातें और कैसे भारतीय संस्कृति का प्रसार हो रहा है।

Key Takeaways

  • दुबई में कन्नड़ भाषा की शिक्षा के लिए परिवारों की पहल सराहनीय है।
  • एक हजार से ज्यादा बच्चे इस पहल से जुड़े हैं।
  • भारतीय संस्कृति का प्रचार वैश्विक स्तर पर हो रहा है।
  • फिजी में तमिल भाषा का महत्व बढ़ रहा है।
  • काशी में तमिल संगमम का आयोजन किया गया है।

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में कन्नड़ भाषा सिखाने वाले परिवारों की सराहना की है। 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि कन्नड़ परिवारों की इस पहल से एक हजार से ज्यादा बच्चे जुड़े हैं, जो गर्व की बात है।

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 129वें एपिसोड में कहा, "अपनी जड़ों से जुड़े रहने के ये प्रयास सिर्फ भारत तक सीमित नहीं हैं। दुनिया के अलग-अलग कोनों में बसे भारतीय भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।"

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "दुबई में रहने वाले कन्नड़ परिवारों ने खुद से एक जरूरी सवाल पूछा कि हमारे बच्चे 'टेक-वर्ल्ड' में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कहीं ये अपनी भाषा से दूर तो नहीं हो रहे हैं? यहीं से 'कन्नड़ पाठशाले' का जन्म हुआ। यह एक ऐसा प्रयास है, जहां बच्चों को 'कन्नड़' पढ़ाना, सीखना, लिखना और बोलना सिखाया जाता है।"

पीएम मोदी ने फिजी में भी भारतीय भाषा और संस्कृति के प्रसार के लिए एक पहल को सराहा। उन्होंने बताया कि फिजी में नई पीढ़ी को तमिल भाषा से जोड़ने के लिए कई स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले महीने फिजी के राकी-राकी इलाके में एक स्कूल में पहली बार तमिल दिवस मनाया गया। उस दिन बच्चों को एक ऐसा मंच मिला, जहां उन्होंने अपनी भाषा पर गर्व व्यक्त किया। बच्चों ने तमिल में कविताएं सुनाई, भाषण दिए और अपनी संस्कृति को पूरे आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत किया।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में भी तमिल भाषा के प्रचार के लिए लगातार काम हो रहा है। कुछ दिन पहले वाराणसी में चौथा 'काशी तमिल संगमम' हुआ। इस वर्ष वाराणसी में 'काशी तमिल संगमम' के दौरान तमिल सीखने पर खास जोर दिया गया था। 'तमिल कराकलम' इस थीम के तहत वाराणसी के 50 से ज्यादा स्कूलों में विशेष अभियान चलाए गए।

दो बच्चियों के ऑडियो क्लिप सुनाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि तमिल भाषा में सहजता से अपनी बात रखने वाली बच्चियां काशी की हैं। इनकी मातृभाषा हिंदी है, लेकिन तमिल भाषा के प्रति लगाव ने इन्हें तमिल सीखने के लिए प्रेरित किया है।

Point of View

जो भारतीय संस्कृति के संरक्षण और प्रचार में सहायक साबित हो रहा है। यह न केवल भारत, बल्कि विदेशों में बसे भारतीयों के लिए भी अपनी जड़ों से जुड़े रहने का एक साधन है।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

कन्नड़ पाठशाले क्या है?
कन्नड़ पाठशाले एक ऐसा प्रयास है जहां बच्चों को कन्नड़ भाषा पढ़ाने, सीखने, लिखने और बोलने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने किस कार्यक्रम में इस पहल की सराहना की?
प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में इस पहल की सराहना की।
दुबई में कन्नड़ परिवारों का क्या योगदान है?
दुबई में कन्नड़ परिवारों ने हजारों बच्चों को अपनी भाषा से जोड़ने का काम किया है।
फिजी में कौन सी भाषा का प्रचार किया जा रहा है?
फिजी में तमिल भाषा का प्रचार किया जा रहा है।
काशी तमिल संगमम कब हुआ था?
काशी तमिल संगमम हाल ही में वाराणसी में आयोजित किया गया था।
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