क्या विधानसभा में गड़बड़ी के आरोपों को हाईकोर्ट ने खारिज किया? मनोज झा का क्या कहना है?

सारांश
Key Takeaways
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अनियमितताओं के आरोपों का मामला समाप्त नहीं हुआ है।
- जनता की अदालत की अहमियत पर जोर दिया गया है।
- चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए हैं।
- राजनाथ सिंह के बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रिया दी गई है।
- भारत की विदेश नीति में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
नई दिल्ली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आरोपित अनियमितताओं के संबंध में दायर याचिका को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह मामला यहीं समाप्त नहीं होता, क्योंकि इसके बाद एक और न्यायिक मंच है, और अंततः “जनता की अदालत” भी है, जो सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
मनोज झा ने गुरुवार को समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, “कुछ सवाल कभी खत्म नहीं होते, भले ही उन्हें अस्थायी रूप से खारिज कर दिया जाए।” उन्होंने चुनाव आयोग की पवित्रता और विश्वसनीयता पर उठने वाले सवालों को उजागर किया, जो उनके अनुसार, लंबे समय तक चर्चा का विषय बने रहेंगे।
ज्ञात हो कि हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अनियमितताओं के आरोप को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मैच फिक्सिंग कहा था। इस संदर्भ में दायर याचिका को बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद खारिज कर दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि गड़बड़ी के आरोपों में कोई ठोस आधार नहीं दिखता है। यह केवल हताशा में किए गए दावों के अतिरिक्त कुछ नहीं है।
इसी बीच, एससीओ बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर मनोज झा ने कहा, “कुछ नया नहीं है, क्योंकि आजादी के बाद से हर रक्षा मंत्री ने ऐसी ही बातें कहीं हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि जब भी भारत को चोट पहुँचाने का प्रयास किया गया, देश ने हमेशा उसी अनुसार प्रतिक्रिया दी है।
झा ने कहा, “असल सवाल यह है कि राजनाथ सिंह को मौजूदा केंद्र सरकार से पूछना चाहिए कि वैश्विक मंच पर भारत 'मित्रविहीन' क्यों दिखाई दे रहा है।” उनका कहना था कि “मित्रविहीन” शब्द का प्रयोग करके वे यह बताना चाह रहे हैं कि भारत की विदेश नीति अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है, और इसमें सुधार की आवश्यकता है।