क्या मनोज झा ने बिहार सरकार से पूछा, 'एक भी बांग्लादेशी या विदेशी मिला तो कौन जिम्मेदार?'

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क्या मनोज झा ने बिहार सरकार से पूछा, 'एक भी बांग्लादेशी या विदेशी मिला तो कौन जिम्मेदार?'

सारांश

बिहार के गहन मतदाता पुनरीक्षण में बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार के लोगों के मिलने से सियासी हलचल तेज हो गई है। राजद सांसद मनोज कुमार झा ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल उठाया है कि क्या वे अब गठबंधन के सहयोगी बन गए हैं?

Key Takeaways

  • बिहार में मतदाता पुनरीक्षण के दौरान विदेशी नामों का मिलना
  • राजद सांसद का चुनाव आयोग पर आरोप
  • भाजपा के आरोपों का जवाब
  • कानून-व्यवस्था पर संजय झा का बयान
  • राजनीतिक चर्चाओं की गर्माहट

नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) में बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार के नागरिकों के मिलने से सियासी हलचल तेज हो गई है। राजद के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए सवाल उठाया है कि क्या वे अब गठबंधन के सहयोगी बन गए हैं?

मनोज कुमार झा ने बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण पर चर्चा करते हुए कहा, "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। देश की एक संवैधानिक संस्था, जिस पर सभी का विश्वास है, के संदर्भ में यह क्या दर्शाता है? क्या इसे उत्पात फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा? हमारे मुख्य चुनाव आयुक्त से लेकर बिहार के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह सूत्र कहां से आ रहा है? बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण के नाम पर अराजकता व्याप्त है। पत्रकारों को भी धमकियां मिल रही हैं।

उन्होंने आगे कहा, "यदि बिहार में एक भी बांग्लादेशी या विदेशी का नाम मतदाता सूची में आया है, तो इसका जिम्मेदार कौन है? मैं तो यह कहूंगा कि यदि ऐसा हुआ है, तो यह केंद्रीय गृह मंत्री की विफलता है और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।"

मनोज कुमार झा ने भाजपा के आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, "क्या उन्हें सब कुछ मिल गया? क्या चुनाव आयोग अब गठबंधन का हिस्सा है? निगरानीकर्ता को निगरानीकर्ता ही रहने दें। चुनाव आयोग को ‘लैप डॉग’ में बदलने की कोशिश न करें। भाजपा को ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए, अभी बिहार में मतदाता सत्यापन के लिए कोई ड्राफ्ट भी नहीं आया है। यदि कोई बाहरी बिहार में आकर बैठा है, तो भाजपा को गृह मंत्री और प्रधानमंत्री का इस्तीफा दिलवाना चाहिए।"

जदयू के सांसद संजय कुमार झा के कानून-व्यवस्था पर दिए बयान पर भी मनोज झा ने निशाना साधा। उन्होंने कहा, "क्या गोपाल खेमका के घर पर बैठकर संजय झा कानून-व्यवस्था पर बयान देंगे? क्या वे मुजफ्फरपुर की उस बच्ची के घर जाकर यही कहेंगे कि 20 साल पहले भी ऐसा होता था? उनके जीवन में सहानुभूति होनी चाहिए। हम आंकड़ों पर बात करेंगे और उन्हें सार्वजनिक मंच पर बुलाएंगे। राज्य में पूरी अराजकता है और सरकार किसी के नियंत्रण में नहीं है। छोटा हो या बड़ा व्यापारी, वे अपने घर से निकलने से पहले भगवान को याद करते हैं कि वे शाम को सुरक्षित अपने घर लौट सकें।

Point of View

यह जरूरी है कि चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और स्वतंत्रता को बनाए रखा जाए। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस मसले का उचित समाधान निकाले।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में मतदाता पुनरीक्षण का क्या महत्व है?
मतदाता पुनरीक्षण से सुनिश्चित होता है कि चुनाव में शामिल सभी मतदाता वैध हैं और चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता बनी रहे।
मनोज झा के आरोपों का क्या असर होगा?
मनोज झा के आरोपों से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है और यह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है।